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11 vi sharif ki fatiha ka tarika: आइये जानते हैं कैसे होती ग्यारवी शरीफ की फातिहा >

Gyarwi sharif kab hai 2024 (1)

ग्यारवी शरीफ का चाँद नज़र आ चूका हैं और इंशाअल्लाह 15 अक्टूबर को ग्यारवी शरीफ मनाया जायेगा इस दिन दुनिया भर के मुसलमान अपने घरों में फातिहा करवाते हैं नियाज़ करवाते हैं और खूब धूम धाम के साथ ग्यारवी शरीफ मनाते हैं।

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सुन्नी मुसलमान में शायद कोई ऐसा घर होता होगा जहा ग्यारवी शरीफ की फातिहा न होती हों भले ही 11 तारीख को न हों लेकिन लोग ग्यारवी शरीफ की फातिहा करवाते ज़रुरु हैं।

लेकिन बहोत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हे ग्यारवी शरीफ की फातिहा का तरीका नहीं आता जिस वजह से उन्हें ग्यारवी शरीफ की फातिहा को लेकर बहोत परेशानी होती हैं। लिहाज़ा आज मैं आपको तफ्सील से बतौआंगा की ग्यारवी शरीफ की फातिहा करने का तरीका क्या हैं पूरी जानकरी।

ग्यारवी शरीफ की फातिहा किसके नाम से होती है ?

11 wi sharif ki fatiha kiske naam se hoti hai: ग्यारवी शरीफ की फातिहा पीरों के पीर हज़रत गौस पाक के नाम से होती हैं।

ग्यारवी शरीफ यानि गौस पाक के नाम से फातिहा पढ़ने का तरीका

11 vi sharif ki fatiha ka tarika: ग्यारवी शरीफ यानि गौस पाक के नाम से फातिहा करना बहुत ही आसान हैं आप आसानी के साथ अपने घर में गौस पाक ग्यारवी शरीफ की फातिहा कर सकते हैं.

ग्यारवी शरीफ की फातिहा पढ़ने के लिए सबसे पहले जानमाज़ बिछा कर काबा की तरफ मुँह करके बैठ जाये और जिस भी चीज़ पर फातिहा करना चाहते हैं जैसे मिठाई , खाना आदि को सामने रख लें। और हों सकें तो खुसबू के लिए अगरबत्ती सुलगा लें या फिर अत्तार लगा लें और उसके बाद अपनी फातिहा शुरू करें।

सब से पहले कोई भी दरूद शरीफ पढ़े जितने बार आप चाहे उतनी बार दरूद शरीफ पढ़े.

इसके बाद एक बार कोई भी एक सुरह पढ़े , आप कोई भी एक सूरे पढ़ सकते हैं आप चाहे तो आयतल कुर्शी अहदनामा भी पढ़ सकते हैं। यहाँ मै आयतल कुर्शी लिख रहा हूँ आप चाहे तो इसे भी पढ़ सकते हैं या कोई और सूरे भी पढ़ सकते हैं।

आयतल कुर्शी:

“अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवा अल-हय्युल कय्यूम, ला ता’खुदुहु सिनातुन वा ला नवम, लहु मा फी अस-समावती वा मा फिल-अर्द। मन ढल-लधि यश्फाउ ‘इंदाहु इल्ला बि-इधिनिहि? या’लमु मा बैना एदिहिम वा मा खल्फाहुम, वा ला युहितुना बी शाइइम-मिन ‘इलमिही इल्ला बीमा शा’आ। वसी’आ कुरसियुहु अस-समावती वाल-अर्द, वा ला य’उदु-हु हिफदुहुमा वा हुवा अल-अलियु अल-‘अज़ीम।”

इसके बाद एक बार सुरे काफेरून पढ़े:

इसके बाद तीन बार सुरे इखलास पढ़े

इसके बाद एक बार सुरे फलक पढ़े

इसके बाद एक बार सुरे नास पढ़े

इसके बाद एक बार सुरे फातिहा पढ़े यानी अल्हमदुलिल्लाह पढ़े

इसके बाद सुरे बकरा अलिफ लाम मीम से लेकर मुफलेहुन तक पढ़े

इतना सब कुछ पढ़ने के बाद अब आखिरी में आयते खामशा पढ़े

आयते खामशा

“व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद, लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम । इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन । वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन । मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा । इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा

एक बार कोई भी दरूद शरीफ पढ़े


सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज्जति अम्मा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलीन वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन” अल फातिहा

अब अल फतिहा कहते हुए हाथ उठाये और कहे या अल्लाह मैंने जो कुछ पढ़ा चंद शुरते पढ़ी आयते पढ़ी.

अगर आपने पहले से कुछ पारा या सुरे पढ़ी है और उसको भी गौस पाक के नाम से बखसना चाहते हैं तो उसका भी नाम लें मान लीजिये आपने 10 पारा पढ़ा हुआ है और इसे गौस पाक के नाम से बखसना चाहते हैं तो. ..

यू कहे या अल्लाह 10 पारा पढ़ा गया इसके पढने में कही कोई गलती हो गई हो तो इसे अपने रहमो वा करम से मुआफ फरमा दें और इन सब चीज़ों का सवाब सब से पहले हमारे आका हज़रत मुहम्मद मुश्तफा स. अ. को नज़र करता हूँ कबूल फरमा.

आपके सदके तुफैल से तमाम अम्बियाए कराम सहाबा ए अजाम उम्म्हातुल मुस्लेमीन तमाम औलिया उलमा सोह्दा सोहालेहीन और आदम अलैहिस्सलाम से ले कर अब तक जितने भी औलिया उलमा सोह्दा इस दुनिया में तशरीफ़ लाये हैं सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा सोह्दाये कर्बोबाला में जो 72 लोग शहीद हुए उन सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा.

इतना कहने के बाद आप बिलखुसुस लगा कर पीरे के पीर हज़रत गॉस पाक का नाम लेंगे कुछ इस तरह से: या अल्लाह मैंने जो कुछ भी पढ़ा उन सब का सवाब बिल्खुसुस पीरो के पीर रोशन ज़मीर हज़रत गौस पाक को नज़र करता हूँ कबूल फरमा।

मुबारक हो आपकी ग्यारवी शरीफ की फातिहा का तरीका मुकम्मल हुआ उम्मीद है ये तरीका आपको समझ में आया होगा क्योंकि मैंने एकदम आसान तरीके से ग्यारवी शरीफ की फातिहा करने का तरीका बताया है।

अगर फिर भी आपको कही कुछ समझ नहीं आया हो या कोई सवाल हो तो आप बे झिजक कमेंट करके अपना सवाल हमसे पूछ सकते हैं इंशाअल्लाह आपके सवाल का जवाब लाज़मी दिया जाएगा शुर्किया.

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About Md Ajmal

Md Ajmal isliba.com ke founder and ceo hain. inhe ilm deen hasil karna aur use dusro ke sath share karne me bahot dilchaspi hain. Aur bunyadi ilm deen hasil karna har Musalman par farz bhi hai. lihaza ye is kaam ko bahot dilchaspi aur jimmedari ke sath kar rahe hain.

2 thoughts on “11 vi sharif ki fatiha ka tarika: आइये जानते हैं कैसे होती ग्यारवी शरीफ की फातिहा >

  1. Reshma Shaikh says:

    Aaslmalikum,garvi mein 11 chirag lagna jaruri hai kya.Humary dadi nahi laga tay tay abhi mera bhai lagana chara pls mujhe answer dijaye

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