आइये जानते हैं ईद उल अजहा की नमाज कैसे पढ़ी जाती है?

ईद उल अज़हा की नमाज़ हर उस शख्स पर वाजिब है जिसके ऊपर जुमा वाजिब हैं लिहाज़ा हर मुसलमान को ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ना चाहिए तो आइये जानते हैं ईद उल अज़हा की नमाज़ का क्या तरीका आसान अल्फ़ाज़ में।
ईद उल अजहा की नमाज कैसे पढ़ी जाती है?
ईद उल अज़हा की नमाज़ बाकि नमाज़ों से थोड़ा अलग होती हैं इसमें एक्स्ट्रा 6 तक्बीरे होती है जो इसे बाकि नमाज़ों से अलग बनांते हैं , और ये दो रकात की नमाज़ होती हैं दोनों में तीन , तीन तक्बीरे होती हैं।
ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ने के लिए हमें या तो किसी बड़ी मस्जिद में जाना होता है या ईद गह में नमाज़ पढ़ी जाती हैं। ये नमाज़ बिना जमात के नहीं पढ़ी जा सकती ।
नियत
ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ने के लिए हमें सबसे पहले उसकी नियत करनी होती हैं वैसे तो नियत मन में की जाती है लेकिन अगर ज़बान से कर लें तो और बेहतर हैं ईद उल अज़हा की नमाज़ की नियत कुछ इस तरह से हैं :
नियत की मैंने दो रकात नमाज़ ईद उल अज़हा की पीछे इस इमाम के वास्ते अल्लाह ताला के , अल्लाह हु अकबर
पहली रकात
नियत करने के बाद इमाम के साथ अल्लाह हु अकबर कहते हुए नियत बांध लें और फिर सना पढ़े
سُبْحٰنَاكَ اَللّٰهُمَّ وَ بِحَمْدِكَ وَ تَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰى جَدُّكَ وَلَاْاِلٰهَ غَيْرُكَ
इसके बाद तीन तक्बीरे होंगी ,
पहली तकबीर: पहली तकबरी में आपको इमाम को फॉलो करते हुए अल्लाह हु अकबर कहते हुए कानों तक अपने दोनों हाथों के लेके जान है और फिर छोड़ देना हैं।
दूसरी तकबरी : ठीक ऐसा ही दूसरी तकबीर में भी करना है , अपने दोनों हाथों को कानों तक लेके जाना है और फिर छोड़ देना।
तीसरी तकबरी : इसके बाद तीसरी तकबरी में नियत बांध लेना है। अब इमाम साहब सूरे फातिहा और कुछ सूरत पढ़ेंगे आपको उन्हें सुन्ना है।
इसके बाद इमाम को फॉलो करते हुए आपको रुकू में चले जाना है और फिर नार्मल नमाज़ की तरह दो सजदा करके पहली रकात मुकम्मल करना और फिर दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाना है।
दूसरी रकात
दसरी रकात में खड़े होने के बाद इमाम सूरे फातिहा और कुछ सूरत पढ़ेंगे आपको उन्हें सुन्ना है।
इसके बाद रुकू में जाने से पहले इमाम 4 तक्बीरे कहंगे।
पहली तकबरी: पहली तकबीर में अपने हाथों को कानो तक लें जाये और छोड़ दें
दूसरी तकबरी : दूसरी तकबरी में भी अपने हाथों को कानो तक ले जाये और छोड़ दें
तीसरी तकबरी : तीसरी तकबरी में भी अपने हाथों को कानों तक ले जाये और छोड़ दें
चौथी रीब : चौथीं तकबरी में अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकू में चले जाएँ , और फिर नार्मल नमाज़ की तरह दो सजदा करें, अत्ताहियात पढ़े दरूद शरीफ पढ़े और इमाम के साथ सलाम फेर के अपनी नमाज़ मुकम्मल करें।
इसके बाद अपनी जगह पर बैठे रहे क्योंकि नमाज़ के बाद ईद का खुत्बा होता है उसे सुने , याद रहे खुत्बा सुन्ना भी जरुरी है बिना खुत्बा सुने हमें नहीं जाना चाहिए नमाज़ के बाद खुत्बा भी लाज़मी सुन्ना चाहिए ,