ashura ke din kya karna chahiye:आज 10 मुहर्रम आशूरा का दिन है आइए जानते हैं आज के दिन हमें क्या करना चाहिए तफसील से ।
आज के दिन लगभग हर जगह ताजिया उठाई जायेगी उसे पूरे गांव शहर में घुमाया जाएगा या फिर करबला लेके जाया जाएगा और वो करबला जो उन्होंने खुद बनाया हुआ है ।
साथ ही आज के शिया हजरात के साथ साथ बहुत से सुन्नी मुस्लिम भी मातम करेंगे ढोल बजाएंगे और लंगर करेंगे और खूब भीड़ भाड़ इक्ट्ठा करेंगे और जब नमाज का टाइम का होगा तो नमाज पढ़ने नही जायेंगे और कहेंगे हम हुसैन से मोहब्बत करते हैं ।
अगर आप भी इन खुराफात में शामिल है तो खुदा के लिए 10 मुहर्रम को ये सब काम न करें बल्कि मैं जो बताने जा रहा हु वो मैं जो बताने जा रहा हु इन कामों को करने से आपको सुकून भी मिलेगा इमाम हुसैन की मोब्बत को भी याद कर पाओगे और सावाब के भी मुस्ताहिक होगे। तो आइए जानते हैं कि 10 मुहर्रम को हमें क्या करना चाहिए ।
रोजा रखना चाहिए
दस मुहर्रम आशूरा के दिन हमें रोजा रखना चाहिए क्योंकि 10 मुहर्रम का रोजा सुन्नत है लेकिन कोशिश करे की सिर्फ 10 मुहर्रम का रोजा न रखें बल्कि उसके साथ में एक रोजा और रख लें।
10 मुहर्रम के साथ साथ आप 9 या 11 मोहर्रम का रोजा रख लें ऐसा करने से आपके रोजे का सवाब मजीद बढ़ जायेगा ।
फर्ज़ के साथ साथ नफली इबादत करें
10 मुहर्रम को सबसे पहले तो हमें किसी भी हाल में फर्ज नमाज नहीं छोड़नी चाहिए और उसके साथ में ज्यादा से ज़्यादा नफ्ली इबादत भी करना चहिए कुरान पढ़ना चाहिए जितना हो सके उतना नाफिल नमाज अदा करना चाहिए ।
तौबा अस्तगफार करना चाहिए
10 मुहर्रम यानी आशूरा का दिन बहुत ही फजीलत वाला है इस दिन बड़े बड़े वाकिया पेश आए हैं लिहाजा इस दिन हमें ज्यादा से ज्यादा तौबा अस्तगफार करना चाहिए ।
ये बहुत ही अफजल दिन है इस दिन आप जो मांगोगे इंशाल्लाह अल्लाह आपको जरूर आता करेगा।
जब इफ्तरी के लिए बैठे तो सच्चे दिल से अल्लाह से तौबा अस्तगफार करे और रो रो कर अल्लाह से दुआ मांगे इफ्तारी से पहले की दुआ अल्लाह जरूर कुबूल करता है।
फातिहा दिलाना चाहिए
10 मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन को जालिम यजीदियों की फौज ने शहीद कर दिया था। लिहाजा इस दिन हमें हजरत इमाम हुसैन की याद में उनके नाम से फातिहा दिलाना चाहिए नियाज़ करना चाहिए जितना हो सके उतना गरीबों को खिलाना चाहिए।
करबला का वाकिया सुने और सुनाए
इसी दिन करबला का वाकिया हुआ था लिहाजा इस दिन हमें करबला का वाकिया सुनना और सुनाना चाहिए।
आप किसी मौलाना से करबला का वाकिया सुन सकते हैं या कोई करबला की वाकिया की किताब पढ़ सकते हैं या फिर आप चाहे तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब फेसबुक पर भी करबला का वाकिया सुन सकते हैं।
यूट्यूब पर ऐसे बहुत से करबला के वाकिया के विडियोज आपको मिल जायेगी जिसमे आसान अल्फाज में करबला का वाकिया बताया गया है।
कसरत से दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए
10 मुहर्रम को हमें कसरत के साथ दरूद शरीफ भी पढ़ना चढ़ना चाहिए। अब आप लोग सोच रहे होंगे की कौनसी दरूद शरीफ पढ़े क्योंकि दरूद शरीफ तो बहुत से है तो आइए आपकी ये प्रोब्लम भी सॉल्व कर देते हैं।
10 मुहर्रम को हमें ये दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए : “सल्लल्लाहु अलैहि वालाही वसल्लम”।
दोस्तों उम्मीद हैं आप समझ गए होंगे की 10 मुहर्रम को हमें क्या करना चाहिए।
अगर 10 मुहर्रम से मुतल्लिक आपके ज़हन में कोई सवाल हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब लाजमी देने की कोशिश करेंगे