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बकरा ईद की फातिहा का सही तरीका/ Bakra eid ki fatiha ka tarika

बकरा ईद यानि ईद उल अज़हा की फातिहा  हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के नाम से होती हैं।

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बकरा ईद की फातिहा का तरीका

Bakra eid ki fatiha ka tarika:बकरा ईद की फातिहा आप बकरा ईद के दिन फजर के बाद या फिर बकरा ईद की नमाज के बाद भी कर सकते हैं।

बकरा ईद के फातिहा करने के लिए वजू करने के बाद अपने घर में किसी भी जगह जा नमाज बिछाकर बैठ जाएं और खुशबू के लिए कुछ अगरबत्ती या इतर लगा लें।

और सामने  पानी और शिन्नी रख लें शिन्नि में आप सेवई भी रख सकते हैं और या कोई भी मिठाई भी रख सकते हैं।

1.इसके बाद 5 से 7 बार दरूद शरीफ पढ़े  जो आपको याद हो।

2. इसके बाद कोई भी एक सुरे पड़े जो आपको याद हो आप अयातुल कुर्सी सूरह जुमा अहद नामा और सूरह कुरैश भी पढ़ सकते हैं।

3. इसके बाद एक बार सूरह काफिरून यानी कुल या अय्योहल काफेरून पढ़ें।

4. इसके बाद तीन बार सुरे इखलास पढ़े

5. इसके बाद एक बार सुरे फलक यानी कुल आऊजू बी रब्बील फलक पढ़े ।

6. इसके बाद एक बार कुल आऊजु बि रब्बीन नास पढ़ें।

7. इसके बाद एक बार अल्हमदु पढ़ें।

8. इसके बाद एक बार सुरे बकरा अलिफ लाम मीम से मूफलेहून तक पढ़ें।

9. इसके बाद एक बार आयते खमसा पढ़े

आयते ख़मशा

व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद, लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम । इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन । वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन । मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा । इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा।

एक बार दरूद शरीफ पढ़े उसके बाद निचे जो लिखा हैं उसको पढ़ते हुए फातिहा के लिए हाथ उठाये

“सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज्जति अम्मा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलीन वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन”

अब अल्फतिहा कहते हुए हाथ उठाये:

Note: अगर आपने पहले से कुछ पारा या शुरात पढ़ी है और उसको  भी बखसना चाहते हैं तो उसका भी नाम लें मान लीजिये आपने 5 पारा और 10 सूरह पढ़ा हुआ हैं। 

और इसे ईद की फातिहा में  बखसना चाहते हैं तो यू कहे या अल्लाह 5 पारा और 10 सूरह पढ़ा गया इसके पढने में कही कोई गलती हो गई हो तो इसे अपने रहमो वा करम से मुआफ फरमा दें।

और इन सब चीज़ों को सवाब सब से पहले हमारे आका हज़रत मुहम्मद मुश्तफा स. अ. को नजर करता हूँ कबूल फरमा.

और अगर पहले कुछ नहीं पढ़ा हैं तो बस इतना कह दे की या अल्लाह जो कुछ पढ़ा गया चंद सूरते पढ़ी गई आयते पढ़ी गई इन सब के पढ़ने में कही कोई गलती खामिया हो गई हों तो इसे अपने रहमों करम मुआफ फरमा दें और इन सब चीज़ों का सवाब सबसे पहले हमारे प्यारे आका मोहम्मद स. अ. को नज़र करता हूँ क़बूल फरमा।

ये कहें: आपके सदके तुफैल से तमाम अम्बियाए कराम सहाबा ए अजाम उम्म्हातुल मुस्लेमीन तमाम औलिया उलमा सोह्दा सोहालेहीन और आदम अलैहिस्सलाम से ले कर अब तक जितने भी औलिया उलमा सोह्दा इस दुनिया में तशरीफ़ लाये हैं सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा और सोह्दाये कर्बोबाला में जो 72 लोग शहीद हुए उन सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा.

और साथ ही साथ इन सब चीज़ों का सवाब हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रजि० को नज़र करता हूँ क़बूल फार्मा , और हज़रत उमर फ़ारूक़ रजि० को नज़र करता हूँ क़बूल फरमा , हज़रत उस्मान रजि० को नज़र करता हूँ क़बूल फार्मा और मौला अली मुश्किल कुशा हज़रत अली रजि० को नज़र करता हूँ क़बूल फरमा। इमाम हसन, इमाम हुसैन रजि० को नज़र करता हूँ क़बूल फरमा और बिलख़ुसू इन सब चीज़ों का सावाब “हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ”  को नज़र करता हूँ क़बूल फरमा।

उम्मीद है आप समझ गए होंगे की बकरा की  फातिहा करने का तरीका क्या हैं उम्मीद हैं ये तरीका आपको समझ में आया होगा अगर आपका कोई सवाल हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं इंशाअल्लाह आपके सवाल का जवाब लाज़मी दिया जायेगा।

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