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कौन है अयातुल्ला अली खामेनेई ? कैसे बने ईरान के सुप्रीम लीडर लखनऊ से क्या है रिश्ता

कौन है अयातुल्ला अली खामेनेई

अयातुल्लाह अली ख़ामेनई जिन्होंने ईरान में इस्लामिक क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाई। जिन्होंने इजराइल और अमेरिका से बहादूरी से मुकाबला किया जिन्होंने इमाम हुसैन के नक्से कदम पे चलते हुए बिना डरे मज़लूम का साथ दिया और वक़्त के यज़ीद इस्राल का मुकाबला किया आइये जानते हैं कौन अयातुल्लाह अली खमेनेई ये ईरान के सुप्रीम लीडर कैसे बने इनका भारत के बाराबंकी से क्या रिस्ता हैं। आइये जानते हैं इनकी पूरी ज़िन्दगी के बारे में।

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कौन है अयातुल्ला अली खामेनेई

ayatollah ali khamenei kon hai: अयातुल्लाह अली ख़ामेनई ईरान के सुप्रीम लीडर है , ईरान में सुप्रीम लीडर का बहोत बड़ा मर्तबा होता है ये सुप्रीम लीडर की पोस्ट ईरान में वहा के प्रेसिडेंट से भी बड़ा होता है , ईरान में सबसे पावरफुल इंसान अयातुल्लाह अली ख़ामेनई है इनकी एक सेना भी जिसे IRGS के नाम से जाना जाता है यही सेना लगातार इजराइल से मुकाबला कर रही है।

अयातुल्ला अली खमेनेई का जन्म ईरान के उत्तर पूर्वी शहर मशहद में 1939 में हुआ था इनके वालिद का नाम सय्यद जावेद खमेनेई था। अयातुल्लाह अली खमेनेई ने अपनी शुरुवाती पढाई मशहद से ही की थी और मज़ीद तालीम हासिल करने के लिए कोम शहर चले गए। बता दें की कोम शहर शिया मुस्लिम के लिए बहोत मुबारक जगह मानी जाती है।

अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर कैसे बनें ?

बताया जाता है की 60 के दशक में अयातुल्ला अली ख़ामेनेई , अयातुल्लाह खोमैनी के मूवमेंट में शामिल हुए , अयातुल्लाह खोमैनी एक बड़े शिया अलीम थे जिन्होंने ने ईरान में इस्लामिक क्रांति लाने में एक अहम योगदान निभाया था।

इन्होने ही उस वक़्त के राजा शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के खिलाफ आंदोलन चलाया था , और इस आंदोलन में अयातुल्ला अली ख़ामेनेई भी थे। और उस दौरान अयातुल्लाह अली ख़ामेनई काई बार जेल भी गाये थे।

इस्लामिक क्रांति

और 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद शाह मोहम्मद राजा पहलवी की हुकूमत गिर गई , और अयातुल्ला खोमैनी के लीडर शिप में नाई सरकार बनाई गई , जिसमे अयातुल्ला अली ख़ामेनेई को डिप्टी डिफेन्स मिनिस्टर बनाया गया।

कहा जाता है की उस वक़्त IRGS को मज़बूत बनाने में अयातुल्ला अली ख़ामेनेई का अहम योगदान रहा था उन्होंने IRGS को तभी से पावरफुल बनाना स्टार्ट कर दिया था।

1981 में प्रेसिडेंट बने

और 1981 में ब्लास्ट में घायल होने के बाद उन्हें ईरान का प्रेसिडेंट बनाया गया और 1981 से 1989 तक वो ईरान के प्रेसिडेंट रहे।

1989 में बने सुप्रीम लीडर

साल 1989 में उस वक़्क़त के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खोमैनी के निधन के बाद अयातुल्ला अली ख़ामेनेई को ईरान का सुप्रीम लीडर बनाया गया।

और आपकी जानकरी के लिए बता दू की अली खमेनेई को ऐसे ही सुप्रीम लीडर नहीं बनाया गया था बल्कि इसके लिए चुनाव भी करवाया गया था।

इसके अलावा उनको सुप्रीम लीडर बनाने के लिए कानून में कुछ संसोधन भी किया गया था। दरअसल ईरान में सुप्रीम लीडर बनने के लिए MARJA E TAQLID होना जरुरी होता है लेकिन अयातुल्लाह अली खमेनेई को MARJA E TAQLID का टाइटल नहीं मिला था लेकिन इसके बाउजूद कानून में संसोधन करके अयातुल्ला अली ख़ामेनेई को ईरान का सुप्रीम लीडर बना दिया गया।

तब से लेकर आज तक आयातुल्ला अली खमेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर बने हुए हैं।

लखनऊ के बाराबंकी से क्या रिश्ता है

आपकी जानकारी के लिए बता दू की अली खमेनेई के पूर्वज सैयद अहमद मूसवी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के जिले कंतूर गांव के रहने वाले थे।

साल 1970 में सय्यद अहमद मूसवी का जन्म बाराबंकी के कंतूर गांव में हुआ था। 1830 में वो अवध के नवाब के साथ धार्मिक सफर पर इराक चले गए और इराक के बाद ईरान चले गए और वही ख़ुमैन नमक गांव में बस गाये बताया जाता है की वही से ख़ामेनेई नाम जुड़ा था।

काई न्यूज़ रिपोर्ट की माने तो कहा जाता है की आज भी उनके पूर्वज बाराबंकी कंतूर गांव में रहते हैं। हालाँकि ये जानकारी 100 परसेंट सही नहीं हैं क्योंकि ये दावा कंतूर गांव के लोकल करते है , हिस्ट्री में इसका कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

तो दोस्तों ये थी अयातुल्लाह अली ख़ामेनई के बारे में कुछ अहम जानकरी जो मैंने आप लोगो के साथ शेयर किया अगर आपका को सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब लाज़मी देने की कोशिश करेंगे शुक्रिया।


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About Md Ajmal

Md Ajmal isliba.com ke founder and ceo hain. inhe ilm deen hasil karna aur use dusro ke sath share karne me bahot dilchaspi hain. Aur bunyadi ilm deen hasil karna har Musalman par farz bhi hai. lihaza ye is kaam ko bahot dilchaspi aur jimmedari ke sath kar rahe hain.

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