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कौन हैं माधवी पुरी बुच और उनके पति जिन पर हिंडनबर्ग ने. .?/kaun hai madhabi puri buch biography in hindi

कौन हैं माधवी पुरी बुच और उनके पति जिन पर हिंडनबर्ग ने. .?/kaun hai madhabi puri buch biography in hindi

कौन हैं माधवी पुरी बुच और उनके पति जिन पर हिंडनबर्ग ने. .?/kaun hai madhabi puri buch biography in hindi

kaun hai madhabi puri buch biography in hindi: हिडबर्ग ने सेबी सेबी चेरपेर्सन माधबी पूरी बुच पर इलज़ाम लगाया है की। उनके पति धवल बुच की उन कंपनियों में हिस्सेदारी हैं जो ऑफशोर अडानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुडी हुई थी।

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इन इल्ज़ामात के बाद से एक बार फिर भारत में उसी तरह से बवाल मचा है जैसे 24 जनवरी 2023 में मचा हुआ था। जब अमेरिकी शार्ट सेलर कमपनी हिडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट जारी कर पुरे भारत में खलबली मचा दी थी उस वक़्त अडानी समूह के शेयर काफी निचे आ गए थे। आइये जानते हैं कौन माधबी पूरी बुच जिनके पति पर हिडनबर्ग ने इलज़ाम लगाया हैं।

कौन हैं माधबी पुरी बुच

kaun hai madhabi puri buch biography in hindi:माधबी पूरी बुच भारत की शेयर बाजार देखने वाली संस्था, सेबी की पहली महिला प्रमुख हैं। उन्होंने आई आई एम् अहमदाबाद से अपनी पढाई मुकम्मल की है। और काई बड़ी कमापनियों में काम किया है। माधवी ने मार्च 2022 से सेबी में पहली महला प्रमुख के औदे पर अपना कार्यकाल स्टार्ट किया है।

आईसीआईसीआई बैंक के साथ की थी अपने करियर शुरआत।

बता दें साल 1989 में माधबी पूरी बुच ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ अपने करियर की शुरआत की थी। बताया जा रहा हैं की आईसीआईसीआई  बैंक में माधबी पूरी बुच इन्वेस्मेंट बैंकर कार्यकारी निर्देशक जैसे अहम पदों के साथ अपने करियर की शुरआत की थी।

इसके बाद साल 1993 से साल 1995 के बिच माधबी पूरी बुच ने वेस्ट चेशायर कॉलेज इंगलैंड में बतौर लेकचर के तौर पर काम किया था । इसके अलावा 12 साल कई कंपनियों में सेल्स ,मार्केटिंग , और प्रोडक्ट डेवलमेंट डिपार्टमेंट में भी काम किया था।

इसके बाद साल 2006 से 2011 तक आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ की तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं उसके बाद वह साल 2011 में सिंगापूर चली गाई जहा उन्होंने ग्रेडेर पैसफिक कैपिटल एलएलपी में बड़ा पद संभाला।

इसके बाद साल 2013 से 2017 की अवधि के दौरान , उन्होंने न्यू डेवलपेंट बैंक में बतौर सलाहकार के पद पर अपनी सेवाएं दी। तत्पश्चात, साल 2017 में उन्हें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी ) के पूर्वकालिक सदस्य एक रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद साल 2018 में , उन्होंने सहर ग्रुप के विरुद्ध एक ऐतिहासिक आदेश पारित किया , जिसमे सेबी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए निवेशकों से जुटाए गए लगभग 14,000 करोड़ रूपए निवेशकों को लौटने का आदेश दिया गया। और इसके बाद साल 2022 में , उन्हें सेबी अध्यक्ष का पदभार सौंपा दिया गया।

हिंडनबर्ग ने क्या आरोप लगाए हैं ?

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने ने माधबी पूरी बुच और उनके पति , धवल बुच , पर इलज़ाम लगाया है की माधबी पूरी बुच और उनके पति अडानी समूह से जुडी कुछ कंपनियों में हिस्सेदार हैं। हिंडनबर्ग का कहना हैं की ये कंपनियां गलत काम कर रही हैं जिसमे माधबी पूरी बुच और उनके पति हिस्सेदार हैं। बता दें की इन इलाज़मत के बाद से देश में काफी हलचल मची हुई हैं।

कौन है धवल बुच ?

धवल बुच माधबी पूरी बुच के पति हैं ये भी कई बड़ी -बड़ी कंपनियों में काम कर चुके हैं हिंडनबर्ग ने इनपर भी इलज़ाम लगा हैं की ये भी अडानी समूह के उन कंपनियों में हिस्सेदार हैं जो गलत काम करती हैं।

इससे क्या होगा ?

या मामला हम भारतियों के लिए काफी अहम हैं। क्योंकि यह भारतीय शेयर बाजार के बड़े नियामक संस्था से जुड़ हुआ हैं। अगर हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोप सही होते हैं तो इससे भारतीय शेयर बाजार पर बहुत बुरा असर होगा।

हिडनबर्ग की तरफ से लगाए आरोप पर माधबी पूरी बुच ने क्या कहा ?

हिंडनबर्ग की तरफ से जारी रिसर्च फार्म की रिपोर्ट पर माधबी पूरी बुच ने कहा, या दुर्भाग्यपूर्व है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाही की है और कारण बताओं नोटिस जारी किया , उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने की कोशिस किया गया है।

हिंडनबर्ग क्या है ?

हिंडनबर्ग अमेरिका की एक रिसर्च कंपनी है जिसे एडरसन नाम के एक अमेरिकी व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी निवेश अनुसंधान फार्म है जो फोरेंसिक वित्तीय जांचों में माहिर है। यह कंपनी उन कंपनियों पर गहराई से रिसर्च करती है जिनके बारे में शक होता है की ये कंपनी वित्तीय नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। या धोखाधड़ी में लिप है। बता दें की हिडन रिशर्च के विशेषज्ञ लेखा परीक्षणों, वित्तीय बयानों और अन्य सर्वजाकिन रूप से उपलब्ध जकनकारी का विश्लेषण करके कंपनियों की गतिविधियों की पड़ताल करते हैं।

कंपनी का मकसद

हिंडनबर्ग रिसर्च का मेन मकसद उन कंपनियों की पहचान करना है जो निवेशकों को गुमराह कर रही हैं। कंपनी अपनी रिपोर्ट में उन कंपनियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं जिनके बारे में उसे संदेह होता है की वे वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त है। इन रिपोर्ट में अक्सर कंपनी वित्तीय बयानों में अनियमिताएं , प्रबंधन के संदिग्ध कार्यों और अन्य महत्तवपूर्व मुद्दों का उल्लेख होता हैं।

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