Dua

mitti dene ki dua,मिट्टी देने की दुआ अरबी में

mitti dene ki dua in hindi image मिट्टी देने की दुआ अरबी में

mitti dene ki dua: जब किसी इंसान का इंतेक़ाल हो जाता हैं तो उसे हुज़ूर मोहम्मद स. अ. के द्वारा बताये गए तरीके के मुताबिक दफन किया जाता है। जब मुर्दे को क़ब्र के अंदर दफना कर दिया जाता हैं तो जितने भी मुस्लिम मिटटी देने के लिए गए हुए होते हैं वो क़ब्र के अंदर तीन-तीन मर्तबा मिटटी डालते हैं। और इस दौरान दुआ पढ़ी जाती हैं जिसे मिटटी देने की दुआ के नाम से जाना जाता हैं आइये जानते हैं वो दुआ क्या हैं और इसे कैसे पढ़ा जाता हैं।

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

मिट्टी देने की दुआ अरबी में

mitti dene ki dua: मिटटी देने की दुआ कुछ इस तरह से हैं: 1 Minha khalaqnakum , 2 wafiha nuidokum , 3 wa minha nukhrijukum taratan ukhra . ( مِنْهَا خَلَقْنَاكُمْ , وَفِيهَا نُعِيدُكُمْ ,وَمِنْهَا نُخْرِجُكُمْ تَارَةً أُخْرَىٰ , )

मिटटी देने की दुआ कब और कैसे पढ़े ?

जब मुर्दे को क़ब्र मे लिटा दें और उसके ऊपर बनगा रख दें। तो उसके बाद क़ब्र पर दोनों हाथों से तीन बार मिटटी डालें और मिटटी डालते वक़्त क़ब्र पर मिटटी डालने की दुआ कुछ इस तरह से पढ़े: सबसे पहले बिस्मिल्लाह पढ़ें और दोनों हाथों में मिटटी लें और “मिन्हा खलाकनाकुम” पढ़ते हुए क़ब्र में दाल दें।

और इसी तरह से दूसरी बार दोनों हाथों में मिटटी लें और ” वाफीहा नुईदोकुम “ पढ़ते हुए क़ब्र में डाल दें।

इसी तरह से तीसरी बार दोनों हाथों में मिटटी लें और “वा मिन्हा नुखरिजुकुम तारतन उखरा” पढ़ते हुए क़ब्र में डाल दें।

Mitti Dene Ki Dua Meaning In Hindi

  • मिन्हा खलाकनाकुम: तुमको इस मिटटी से बनाया है
  • वाफीहा नुईदोकुम: और इसी में तुमको वापस लौटाएंगे
  • वा मिन्हा नुखरिजुकुम तारतन उखरा: और इसी मिटटी से दोबारा तुमको निकालेंगे

क्या मिटटी देने के बाद बगैर हाथ धुले घर में दाखिल नहीं हों सकते ?

बहोत से लोग समझते हैं की मिटटी देने के बाद बगैर हाथ धुले घर में दाखिल नहीं होना चाहिए ऐसा करने से मुर्दे की आत्मा घर आ सकती हैं।

ये चीजे गांव में ज़्यादा मशहूर है गांव के ज़्यादा तर लोग मिटटी देने के बाद बगैर हाथ धुले घर में दाखिल नहीं होते हैं। या तो घर के बाहर हाथ धुलते हैं या क़ब्रिस्तान के पास से ही हाथ धूल लेते हैं।

दोस्तों आपकी जानकरी के लिए बता दू की आप मिटटी देने के बाद बगैर हाथ धुले बेझिझक घर के अंदर दाखिल हों सकते हैं और घर के अंदर बाथरूम में बेसिन में काही भी हाथ धुले सकते हैं। मिटटी देने के बाद घर में बगैर हाथ धुले दाखिल होने से न तो कोई मुर्दे की आत्मा घर आती हैं और न ही इससे कोई गुनाह होता हैं।

अगर कोई मिटटी देने के बाद घर के बहार ही हाथ धूल लेता हैं तो इसमें कोई हर्ज़ नहीं हैं ऐसा कर सकते हैं। लेकिन ये सोच कर बाहर हाथ धुलना की घर में हाथ धुलूँगा तो मुर्दे की आत्मा घर आ जाएगी ये सरा सरा गलत और ज़हालत हैं। एक मुसलमान को कभी भी इस किम्स की सोच नहीं रखना चाहिए क्योंकि एक बार जो इस दुनिया से चला गया वो किसी भी हाल में दुनिया में वापस नहीं आ सकता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *