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अगर चाहते हैं कारोबार में बरकत ,इज़्ज़त,पैसा , तो सदक़ा दें Sadqa Dene Ke Fayde in Hindi

अगर चाहते हैं कारोबार में बरकत ,इज़्ज़त,पैसा , तो सदक़ा दें Sadqa Dene Ke Fayde in Hindi

Sadqa Dene Ke Fayde in Hindi: सदक़ा खैरात करने के काई फायदे हैं इससे दुनिया में भी फायदा हासिल होता हैं और आख़ेरत में में भी काई फायदे हासिल होते हैं। कहा जाता है सदक़ा करने के 10 फायदे हैं 5 पांच दुनिया के और 5 आख़ेरत के आइये एक-एक करके तफ्सील से सदक़ा करने के सभी फायदे के बारे में जानते हैं।

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माल पाक होता हैं

सदक़ा खैरात करने से माल पाक होता है , एक होता है जकात जिससे माल पाक होता है और ये हर साहिबे निसाब पर फ़र्ज़ है जैसे नमाज़ फ़र्ज़ है वैसे ही जकात भी साहिबे निसाब पर फ़र्ज़ है। और इसके साथ ही अगर आप सदका करते हैं तो इससे भी आपका माल पाक हो जायेगा।

आफत और मुशीबतों से निजात

सदक़ा आफत और मुशीबतों के लिए ढल बन कर काम करता है। सदक़ा करने से बड़ी से बड़ी मुशीबत टल जाती हैं। सदक़ा एक ऐसी चीज़ है जिसकी बरकत से जो मुशीबत आ रही होती हैं वो रुक जाती हैं यानि सदक़ा देने से आने वाली मुशीबत टल जाती हैं।

और जो मुशीबत होती हैं उसमे भी आसानी होती हैं। लिहाज़ा हमारे ऊपर जब भी मुशीबत आए या आने का अंदेशा हों तो हमें सबसे पहले सदक़ा करना चाहिए।

और ऐसे भी हमें टाइम टाइम पर सदक़ा देते रहना चाहिए ताकि हम आने वाली मुशीबतों से बच सकें और जो मुशीबतें हमारे ऊपर हैं हमें उससे निकलने में भी आसानी हों।

इज़्ज़त और आबरू की हिफाज़त

सदक़ा देने से इज्जत और आबरू की भी हिफाज़त होती हैं लिहाज़ा जब कभी भी इज्जत आबरू पार आंच आने का अंदेशा तो तो सबसे पहले सदक़ा करें।

हर किस्म की बीमारी का इलाज

दोस्तों सदक़ा देना एक ऐसा काम हैं जिसकी बरकत से आप हर किस्म की बीमारी से बहार निकल सकते हैं। कहा जाता हैं की सदक़ा बिमारियों से शिफा देने का काम करता हैं।

बीमार होने पर हमें दवाओं के जरिये इलाज करवाना चाहिए लेकिन इसके साथ-साथ हमें सदक़ा भी जरूर देना चाहिए क्योंकि सदक़ा के जरिये से बीमारी से निजात हासिल करने में आसानी होती हैं। लिहाज़ा जब कभी आप किसी बीमारी में मुब्तला हों जाएँ तो इलाज के साथ साथ सदक़ा भी लाज़मी करें।

माल और कारोबार में बरकत

सदक़ा देने से माल और कारोबार में भी बरकत होती हैं अगर आप चाहते हैं की आपके पैसों में आपके कारोबार में बरकत हों तो आज से ही सदक़ा देना स्टार्ट कर दें इंशाअल्लाह आपके कारोबार में पैसों में बरकत होने लगेंगे ,

ऐसे बहोत से कारोबारी और कंपनी हैं जो अपने कमाई का कुछ हिस्सा सदक़े के तौर पर दान करते हैं और इसकी बरकत से उन्हें कमयाबी भी मिलती हैं सदक़े की बरकत से काई छोटी छोटी कम्पनिया आज अच्छे मुकाम पे हैं।

क्योंकि उन्होंने अपने कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए तमाम काम करने के साथ साथ साथ सदक़ा भी दिया हैं। लिहाज़ा अगर आप अपनी कमाई में बरकत या कारोबार में बरकत चाहते हैं तो आज से ही अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सदक़ा करना स्टार्ट कर दें। जरुरी नहीं है की आप ज़्यादा से ज़्यादा सदक़ा करें आप अपनी हैसियत के मुताबिक जितना चाहे उतना सदक़ा कर सकते हैं इंशाअल्लाह आपके कारोबार में और पैसों में बरकत होगी क्योंकि जो देने वाले होते हैं अल्लाह उन्हें भी खूब देता हैं।

सदक़ा देने वालों के लिए फ़रिश्ते दुआ करते हैं

सदक़ा देने वालों के लिए फ़रिश्ते दुआ करते हैं की ऐ अल्लाह इसे खूब नवाज़। लिहाज़ा अगर आप चाहते हैं की आपके लिए फ़रिश्ते भी दुआ करें तो सदक़ा देने का अपना मामूल बना लें और जितना हों सकें उतना सदक़ा देने की कोशिश करें।

सदक़ा दिल की शख्ती को खत्म करता हैं

इसके अलावा सदक़ा देने से अल्लाह दिल की शख्ती को खत्म कर देता हैं , अगर आपका दिल शख्स हैं आपको लोगो पर तरश नहीं आता आपको लोगो से कोई हमदर्दी नहीं होती , आपको अल्लाह के सामने रोना नहीं आता हैं तो आप सदक़ा करें क्योंकि सदक़ा दिल की शख्ती को खत्म करता हैं।

जहन्नम की आग को ठंडा करता हैं

सदक़ा अल्लाह के गुस्से को और जहन्नम की आग को ठंडा करता हैं लिहाज़ा अगर आप चाहते हैं की आप जहन्नम की आग से बच जाये तो सदक़ा करें। क्योंकि सदक़ा देने से गुनाह भी मुआफ होते हैं और जहन्नम की आग भी ठंडी हों जाती हैं।

बुरी मौत से हिफाज़त

सदक़ा करने से बुरी मौत से भी हिफाज़त होती हैं। बुरी मौत से मुराद हादसे की मौत एक्सीडेंट में मर जाना, पानी में डूब के मार जाना, यानि अचानक की मौत क्योंकि इसमें इंसान को तौबा की तौफीक भी नहीं मिलती लिहाज़ा इनको बुरी मौत कहा जाता हैं ।

लिहाज़ा अगर आप चाहते हैं की आप बुरी मौत हादसे की मौत से बचे रहे हैं तो सदक़ा करें। आज के वक़्त में तो सड़कों पर हादसे होते ही रहते हैं लिहाज़ा हमें सदक़ा करते रहना चाहिए ताकि हम हादसे की बुरी मौत से बचे रहें।

क़ब्र और जहन्नम की आग से हिफाज़त

सदक़ा क़ब्र और जहन्नम की आग से बचाता हैं लिहाज़ा क़ब्र और जहन्नम की आग से बचना चाहते हाँ तो सदक़ा देने की आदत बना लें।

आख़ेरत में सदक़ा सर पर साया बनकर खड़ा हो जायेगा

आख़ेरत में जब नफ्सी नफ्सी का आलम होगा जब सूरज अपने बहोत क़रीब आ जाएग हर शख्स बस अपनी फिक्र में पड़ा होगा उस वक़्त सदक़ा देने वाले के सर पर सदक़ा साया बन कर खड़ा हो जायेगा। और उसको धुप की तख़लीफ़ और आख़ेरत की परेशानी से बचाएगा। उस वक़्त सदक़ा देने वाले के चेहरे पर ताज़दगी होगी।

तो दोस्तों ये थी कुछ फायदे सदक़ा देने की उम्मीद हैं ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको मालूम हो गया होगा की सदक़ा कितना अहम् हैं हम मुसलमानों के लिए। लिहाज़ा आप आज से ही सदक़ा देन स्टार्ट करें और सदक़ा के बे शुमार फायदों से मालामाल हो जाएँ।

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