दोस्तों शव्वाल के महीने में 6 रोज़े रखे जाते हैं जो की बहुत ही अफ़ज़ल रोज़े हैं क्योंकि शव्वाल के एक रोज़ा रखने से एक साल रोज़ा रखने का सवाब मिलता हैं इसलिए ज़्यादा तर लोग शव्वाल का रोज़ा रखना चाहते हैं लेकिन बहोत से ऐसे लोग हैं जिन्हे समझ में नहीं आता की शव्वाल के 6 रोज़े कब रखें लिहाज़ा आज मै आपको डिटेल में बताऊंगा की आप शव्वाल का 6 रोज़ा कब रखें और कैसे रखें पूरी जानकरी।
शव्वाल के 6 रोज़े कब रखें पूरी जानकरी
shawwal ke 6 roze kab rakhen: शव्वाल का महीना रमजान के बाद शुरू होता हैं शव्वाल की ही पहली तारीख को ईद उल फ़ित्र मनाई जाती हैं।
दोस्तों शव्वाल का महीने शुरू होने के एक दिन बाद से यानि ईद के दूसरे दिन से शव्वाल की आखिरी तारीख तक आप कभी भी शव्वाल का 6 रोज़ा रख सकते हैं इसमें कोई दिन मुकर्रर नहीं हैं शव्वाल महीना शुरू होने के बाद आप कभी शव्वाल का रोज़ा रख सकते हैं शिवाय ईद के क्योंकि ईद के दिन रोज़ा रखना हराम हैं।
वैसे ईद के दो तीन दिन तक भी दावतों का सिलसिला जारी रहता लिहाज़ा आप ईद के तीसरे दिन से भी शव्वाल का रोज़ा रखना शुरू कर सकते हैं।
शव्वाल का रोज़ा लगातार रखें या छोड़-छोड़ कर
लोगो के ज़हन में या सवाल भी रहता हैं की शव्वाल का 6 रोज़ा लगातार रखना चाहिए की छोड़- छोड़ कर। तो दोस्तों आपकी जानकरी के लिए बता दूँ की ईद के दूसरे दिन से लेकर शव्वाल महीने की आखिरी तारीख तक आप जिस दिन चाहे उस दिन शव्वाल का रोज़ा रख सकते हैं।
आप चाहे तो लगातार 6 रोज़ा रख सकते हैं या फिर आप चाहे तो नागा कर- कर के भी शव्वाल के 6 रोज़े रख सकते हैं आप जैसे चाहे वैसे शव्वाल के 6 रोज़े रख सकते हैं।
शव्वाल के रोज़े की नियत कैसे करें
जैसा की आप सभी जानते हैं की नियत दिल के इरादे को कहते हैं लिहाज़ा आप रात में ही ये नियत करके सो जाएँ की सुबह मुझे रोज़ा रखना हैं।
और रात में सहरी खा कर सुबह रोज़ा रखना शुरू कर दें आप चाहे तो सहरी के टाइम भी अपने दिल में नियत कर सकते हैं की मै शव्वाल का रोज़ा रखने के लिए सहरी खाने जा रहा हु या खाया। बस इसी को नियत कहते रोज़े की नियत करने के लिए जरुरी थोड़ी हैं की आप ज़बान से अरबी में नियत करे आप अपने दिल में रोज़ा का इरादा कर लेंगे बस यही काफी हैं।
शव्वाल के रोज़े रखने के फायदे क्या हैं?
अबू अय्यूब अंसारी रजि० बयान करते हैं की रसूल अल्लाह सलल्लाहु अलैहिवसल्ल्म ने फ़रमाया जिसने रमज़ानुल मुबारक के रोज़े रखने के बाद शव्वाल के 6 रोज़े रखे तो ये ऐसा है जैसे पुरे साल के रोज़े हों ( सही मुस्लिम )
यानि कहने का मतलब अगर कोई शख्स रमजान के 30 रोज़े रखने बाद शव्वाल के 6 रोज़े रखता हैं तो उसे एक साल रोज़े रखने का सवाब मिलेगा।
शव्वाल कब शुरू होता है?
शव्वाल रमजान के बाद शुरू होता हैं शव्वाल महीने की पहली तारीख को ही ईद उल फ़ित्र मनाया जाता हैं आप ईद के दूसरे दिन से शव्वाल का रोज़ा रख सकते हैं।
क्या हम ईद के बाद रोजा रख सकते हैं?
हाँ ईद के बाद रोज़ा रखा जा सका हैं ईद के बाद आप नफिलि शव्वाल के 6 रोज़े के साथ साथ मज़ीद जितने रोज़े चाहे रख सकते हैं
रमजान के बाद कितने दिन का रोजा रखना है?
रमजान के बाद शव्वाल के 6 रोज़े रखने चाहिए
शव्वाल के 6 दिन का व्रत कब कर सकते हैं?
ईद के दूसरे दिन से लेकर शव्वाल की आखिरी तारीख तक कभी भी शव्वाल क 6 रोज़े रख सकते हैं
उम्मीद हैं ये जानकरी आपको पसंद आई होगी और आप समझ गए होंगे की शव्वाल के 6 रोज़े कब रखना चाहिए। अगर फिर भी आपके ज़हन में कोई सवाल है इस हवाले से तो आप बे झिझक कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल जवाब लाज़मी देंगे।