eid ul Adha 2025 बकरा ईद का चाँद नज़र आ चूका है जानिए कब है बकरा ईद

ईद उल अज़हा जिसे बकरा ईद के नाम से भी जाना जाता है। ये हर साल जिल हिज्जा की 10 तारीख बनाया जाता है आज जिलहिज्जा का चाँद नज़र आ चूका है आइये जानते है इस बार बकरा ईद कब है और अंग्रेजी किस महीने में हैं।
दोस्तों 28 मई 2025 को ईद उल अज़हा का चाँद नज़र आ चूका हैं इस हिसाब से इंशाअल्लाह 7 जून को ईद उल अज़हा मनाया जायेगा।
बकरा ईद यानि ईद उल अज़हा तीन दिन मनाया जाता हैं। इन दिनों दुनिया भर के मुस्लिम जानवरों की क़ुरबानी देते हैं। और सभी मुसलमान इकठा होकर अदब के साथ बा जमात ईद गह या किसी बड़ी जामा मस्जिद में ईद उल अज़हा की नमाज़ अदा करते हैं। और एक दूसरे को मुबारक बाद देते हैं आइये जानते हैं।
2025 में बकरा ईद कब है ?
जब ईद उल अज़हा का चाँद नज़र आ जाता है तो उसके 10 दिन बाद बकरा ईद यानि ईद उल अज़हा मनाया जाता है 25 मई 2025 को ईद उल अज़हा का चाँद नज़र आ चूका है में इंशाअल्लाह 28 मई को ईद उल अज़हा का चाँद नज़र आ चूका है तो इस हिसाब से इंशाअल्लाह 7 जून को बकरा ईद यानि ईद उल अज़हा मनाया जायेगा। इस दिन ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ी जाएगी और क़ुरबानी की जाएगी।
साथ ही इसके बाद दो दिन मज़ीद क़ुरबानी किया जा सकता हैं क्योंकि ईद उल अज़हा तीन दिन रहता हैं 10 , 11 और 12 इस साल 10 ईद उल अज़हा 7 जून को पड़ेगा लिहाज़ा इस साल 7 जून बरोज़ जुमा के दिन ईद उल अज़हा मनाया जायेगा। इसी दिन ईद उल अज़हा की नमाज़ अदा की जाएगी बाकि दो दिन सिर्फ क़ुरबानी किया जायेगा।
बकरा ईद के दिन क्या करना चाहिए ?
ग़ुस्ल करना चाहिए
ईद उल अज़हा के दिन हमें सबसे पहले ग़ुस्ल करना चाहिए क्योंकि ईद उल अज़हा के दिन ग़ुस्ल करना सुन्नत हैं लिहज़ा हमें इस दिन लाज़मी ग़ुस्ल करना चाहिए ताकि हमें सुन्नत का भी सवाब हासिल हो सकें।
मिशवाक करना चाहिए
ईद उल अज़हा यानि बकरा ईद के दिन ग़ुस्ल के बाद हमें मिशवाक भी जरुरु करना चाहिए क्योंकि मिशवाक करना भी सुन्नत हैं।
नए कपड़े पहनने चाहिए
बकरा ईद के दिन हमें नए कपडे भी जरूर पहनने चाहिए अगर नए कपड़े न हों तो जो सबसे अच्छा कपड़ा हो उसे पहनना चाहिए क्योंकि बकरा ईद इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा ख़ुशी का त्यौहार हैं।
खुसबू लगाना चाहिए
बकरा ईद के दिन नमाज़ के लिए जाने से पहले हमें खसबू भी ज़रुरु लगानी चाहिए क्योंकि ऐसा करना भी सुन्नत है।
बकरा ईद की नमाज़ अदा करनी चाहिए
सुबह-सुबह ईद गह नमाज़ के लिए जाना चाहिए और जमात के साथ बकरा ईद यानि ईद उल अज़हा की नमाज़ अदा करनी चाहिए।
और ईद गह जाते और लौटते वक़्त रास्ता बदल कर आना जाना चाहिए। यानि नमाज़ पढ़ने के बाद दूसरे रस्ते से लौटना चाहिए जिस रस्ते से जाएँ उस रस्ते से न लौटे कोशिश करे की जिस रस्ते से ईद गह जाये उस रस्ते से वापस न आएं बल्कि दूसरे रस्ते से वापस आएं।
बगैर कुछ खाये ईद गह नमाज़ के लिए जान चाहिए
ईद उल अज़हा यानि बकरा ईद की नमाज़ के लिए ईद गह बगैर कुछ खाएं जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करना मुस्तहब हैं और अगर नामज से आने के बाद अगर क़ुरबानी का गोश्त मिल जाएँ तो सबसे पहले उसे ही खाने की कोशिश करे।
तकबीरे तशरिक पढ़ते हुए नामज के लिए जाना चाहिए
बुलंद आवाज़ के साथ तकबीरे तशरिक “अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर। ला इलाहा इल्लल लाहु वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल लाहिल हम्द” पढ़ते हुए बकरा ईद की नामज के लिए जाना चाहिए
तो दोस्तों उम्मीद है ये जानकरी आपको पसंद आई होगी और आप समझ गए होंगे की साल 2025 में बकरा ईद कब है और बकरा ईद के दिन हमें क्या करना चाहिए लेकिन अगर फिर भी आपके ज़हन में कोई सवाल है इस हवाले से तो आप बे झिझक कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे शुक्रिया।