क्या थोब और जुब्बा पहनना सुन्नत है क्या जुब्बा टखनों से निचे पहनना जायज़ है आइये जानते हैं
kya thobe aur jubba pahenna sunnat hai: थोब जुब्बा को लेके अवाम में बहोत से सवाल होते है उन्ही सवालों का जवाब आज के इस ब्लॉग में हम देने जा रहे है इस्लामिक स्कॉलर की हेल्प से इस ब्लॉग पोस्ट में आप जुब्बे से मुताल्लिक बहोत सी जानकारी हासिल कर सकते हैं। जैसे की क्या जुब्बा पहनना सुन्नत है क्या जुब्बा टखनों से निचे पहनना जायज़ है। जुब्बा और थोब में क्या फ़र्क़ होता है आदि।
क्या तोब जुब्बा पहनना सुन्नत है आइये जानते हैं ?
बहोत से लोग मानते है की इस्लाम में जुब्बा या थोब पहनना सुन्नत है जो ज़्यादा तर सऊदी अरबिया ओमान जैसी अरब कंट्री में पहना चाहता है।
चूकि हमारे नबी मोहम्मद सलल्लाहु अलैहिवसल्ल्म भी अरबी थे लिहाज़ा बहोत से लोग सोचते है की इस्लाम में जुब्बा पहनना सुन्नत है तो आइये इस बारे में तफ्सील से जानते हैं।
थोब और जुब्बा में फ़र्क़
आइये पहले थोब और जुब्बा में फ़र्क़ जान लेते है ताकि आगे समझने में आसानी हो , दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दू की आज कल तो इंडिया पाकिस्तान बंगलादेश के लोग थोब को ही जुब्बा कहते हैं। लेकिन अरबी ज़बान और इस्लामिक किताबों में जुब्बा और थोब दोनों अलग चीज़ें हैं।
आइये जानते है असल में इन दोनों में फ़र्क़ क्या है ?
थोब: ये एक लॉन्ग शर्ट होता है। फुल आस्तीन होता है। टखनों से थोड़ा ऊपर होता है।
जुब्बा: एक आउटर क्लॉक या कोट जैसे लिबास जो आगे से खुला होता है और दूसरे कपड़ों के ऊपर पहना जाता है जिसे बिष्त अबा भी कहते है।
लेकिन इंडिया के लोग थोब को ही जुब्बा कहते हैं और जिसे थोब कहा जाता है वो असल में क़मीज़ का शक्ल रखता है जिसे हमारे नबी पहना करते थे।
उम्मे सलमा रज़ी अल्लाह ताला अन्हु से रिवायत है रसूलल्लाह स. अ. को सबसे ज़्यादा पसंद क़मीज़ था (तिर्मिज़ी )
बताया जाता है की सहाबा भी टखनों से ऊपर क़मीज़ पहनते थे जिसे आज थोब और इंडिया में जुब्बा के नाम से भी जाना जाता है। इब्ने उम्र रज़ी० और उनके बेटे सालिम भी टखनों से निचे क़मीज़ पहनते थे।
इससे ये साबित होता है की सहाबा भी नबी के लिबास की सुन्नत पर अमल करते थे।
आइये अब जानते है इस बारे में उलमा क्या कहते हैं :
इस बारे में इमाम तयामिया कहते हैं अगर कोई नबी की तरह क़मीज़ पहनता है और नियत सुन्नत की रखता है तो उसे सुन्नत का सवाब मिलेगा।
इसी तरह से देओबंद के उलमा भी कहते हैं की ऐसा जुब्बा जो शरीयत के लिहाज़ से ढाका हुआ हो और टखनों से ऊपर हो , वो सुन्नत के करीब है।
और आला हज़रत फतावा रजविया में फरमाते हैं क़मीज़ नबी का सबसे पसंदीदा लिबास था और इसको सुन्नत कहकर पहना जाये तो अजर मिलेगा।
मुफ़्ती वसीम खान भी इस हवाले से फरमाते हैं की आज जो थोब या जुब्बा पहना जाता है वो नबी की क़मीज़ से मैच खाता हैं।
यानि मुफ़्ती वसीम खान का मतलब है की आज कल जो जुब्बा और थोब पहना जाता है ये नबी के क़मीज़ से मैच खाता है जो हमारे नबी का पसंदीदा लिबास था और इसे पहना करते थे लिहाज़ा थोब जुब्बा पहनना सुन्नत है।
लिहाज़ा हम कह सकते हैं की अगर कोई इस्लामी तरीके से थोब या जुब्बा पहने ढीला ढाला हों , टखनों के ऊपर हो और नियत सुन्नत की हो तो इस सुरते हाल में थोब जुब्बा पहनना सुन्नत है और पहनने वाले को सुन्नत का सवाब मिलेगा।
और अगर आपको इस तरह का थोब और जुब्बा चाहिए तो आप अभी थोब कैटोगरी पे विजिट करके अपने लिए सुन्नत के मुताबिक जुब्बा और थोब खरीद सकते है।
क्या जुब्बा टखनों से निचे पहनना जायज़ है
नहीं जुब्बा टखनों से निचे पहनना बिलकुल भी जायज़ नहीं है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप सुन्नत भी अदा नहीं कर पाएंगे और गुनहगार भी होंगे क्योंकि इस्लाम में तकब्बुर की नियत से टखनों के निचे तक लिबास पहनना शख्त गुनाह और हराम है।
यहाँ तक की अगर कोई बिना तकब्बुर से आदत से टखनों के नीचे लिबास लटकाता है तो तो उसे भी उलमा मकरूह समझते है।
बुखारी की हदीस है जो अपने लिबास टखनों से नीचे लटकाता है , उसके लिए जहन्नम का अज़ाब है।
इसी तरह से इब्न माज़ा की हदीस है : अल्लाह उस शख्स से मोहब्बत नहीं करता जो टखनों से नीचे कपडे लटकाता है तकब्बुर से।