bareilly sharif ka urs kab hai:हर साल सफर के महीने में बरेली शरीफ में आलाहज़रत का उर्श होता हैं आइये जानते हैं इस साल अंग्रेजी किस तारीख को बरेली शरीफ का उर्श होगा।
हर साल आलाहज़रत का उर्श 23 ,24 25 और को मनाया जाता है इस साल इंशाअल्लाह अंग्रेजी तारीख 29 अगस्त से बरेली शरीफ में आलाहज़रत के उर्श का आगाज़ होगा ।
इस उर्श में दुनिया भर से लोग शिरकत करने आते हैं बता दें की उर्श के मौके पर बरेली जंक्शन और बरेली बस स्टॉप पर लाखों जयरीन का मज़मा लगा दुआ होता हैं । आइये जानते हैं की उर्श के मौके पर आलाहज़रत की दरगाह पर क्या-क्या होता है।
किस दिन क्या होगा ?
इस साल बेरली शरीफ में उर्श रज़वी की शुरुआत 29 अगस्त से होगी पहला दिन यानि 29 अगस्त को यानि इस्लमिक महीने के हिसाब से 23 सफर को असर की नमाज़ के बाद परचम कुसाई के साथ उर्श रज़वी का आगाज़ होगा।
और ईशा की नामज के बाद कुल शरीफ होगा इसके बाद आल इंडिया मुशायरा नात और मनकबत क प्रोग्राम होगा।
उसके बाद दूसरे दिन 24 सफर अंग्रेजी 30 अगस्त को फज़र की नामज के बाद क़ुरान ख्वानी का एहतमाम होगा और क़ुरान ख्वानी के बाद करीब 9 बज का 58 मिनट पर हुज़ूर रिहाने मिल्लत का कुल शरीफ होगा ।
उसके बाद रात के एक बाज कर चालीस मिनट पर हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द का कुल शरीफ होगा उसके बाद 31 अगस्त को जिसे कुल शरीफ का दिन कहा जाता है इस दिन सबसे पहले सुबह बाद नमाज़े फज़र क़ुरान ख्वानी होगी उसके बाद दो बाज़ कर करीब अड़तीस मिनट पर कुल शरीफ होगा ।
और इसी आखिरी कुल शरीफ के साथ बरेली शरीफ का उर्श कप्लीट हो जायेगा।
उर्स क्या है
उर्स एक धार्मिक समारोह है जो इस्लाम में पीर वाली या किसी भी धार्मिक नेता की याद में मनाया जाता है।उर्स मनाने का मकसद उन पीर वाली को याद करना है जिनका इंतकाल हो चुका है जो पर्दा कर गए हैं
बरेली शरीफ के उर्स का इतिहास
ठीक इसी तरह बरेली शरीफ का उर्स भी आला हजरत इमाम अहमद राजा खान बरेली की याद में मनाया जाता है ।
इमाम अहमद राजा खान बरेली 19 वी सदी के बहुत बड़े आलिम थे । आपने इस्लाम को फैलाने प्रचार करने में एक अहम योगदान निभाया है।
आपने अपनी जिंदगी में इस्लाम के लिए बहुत से काम किए हैं।
और जब आपका इंतकाल हों गया तो।आपको चाहने वालों ने बरेली शरीफ में आपकी दरगाह बना दी और और तभी से हर साल बरेली शरीफ में आला हजरत की याद में उर्स मनाया जाने लगा ।