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2025 में कुर्बानी का बकरा कैसा होना चाहिए इन बातों का खास ख्याल रखें।

बकरा ईद आने ही वाली हैं बहोत से लोग या तो बकरा ले चुके होंगे या लेने की सोच रहे हैं होंगे। लेकिन बहोत से लोगो को मालूम नहीं होता की आखिर क़ुरबानी का बकरा कैसा होना चाहिए तो आइये जानते हैं क़ुरबानी का बकरा कैसा होना चाहिए।

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कुर्बानी का बकरा कैसा होना चाहिए

दोस्तों क़ुरबानी का बकरा कम से कम एक साल का होना चाहिए , साथ ही बकरा पूरी तरह से सेहत मंद होना चाहिए। और उसे चलने में भी कोई परेशानी नहीं होना चाहिए , उसके कान नाक सब सही सलामत होना चाहिए यानि कहने का मतलब बकरा पूरी तरह से सेहत मंद होना चाहिए। आइये इस बारे में और तफ्सील से जानते हैं।

एक साल से ज़्यादा होनी चाहिए उम्र

क़ुरबानी के लिए बकरा खरीदने से पहले आपको सबसे पहले ये देखना है की उसकी उम्र एक साल या उससे ज़्यादा हैं या नहीं क्योंकि एक साल से कम उम्र के बकरे की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं। इसलिए क़ुरबानी का बकरा एक साल से ज़्यादा का होना चाहिए एक साल से कम उम्र नहीं होना चाहिए वरना क़ुरबानी का कोई भी फायदा हासिल नहीं होगा।

बकरा शेहत मंद होना चाहिए

क़ुरबानी के लिए बकरा लेने से पहले आपको ये ध्यान देना होगा की बकरे में किसी भी किस्म की कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए बकरा पूरी तरह से सेहत मंद होना चाहिए।

क्योंकि अगर बकरे को कोई बीमारी होगी और उसकी वजह से वह चारा वगैरह नहीं खाएगा उसको भूक नहीं लगेगी और बीमारी की वजह से बकरा बहोत कमज़ोर हो जायेगा तो उस कंडीशन में बकरे की क़ुरबानी ज़याज़ नहीं होगी।

बकरे को देख कर ज़ाहिर नहीं होना चाहिए की वो बीमार हैं अगर बकरा ज़ाहिरी तौर पर बीमार हैं तो उसकी क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

लिहाज़ा बकरा खरीदते वक़्त ये ध्यान दे की बकरे के अंदर किसी भी किस्म की कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए बकरा शेहत मंद होना चाहिए।

चलने में नहीं होनी चाहिए प्रॉब्लम

क़ुरबानी के बकरे को चलने में कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए यानि क़ुरबानी का बकरा लंगड़ा नहीं होना चाहिए उसके पैर में चोट नहीं होनी चाहिए अगर थोड़ी बहोत चोट होगी तो चल जायेगा लेकिन अगर चोट ज़्यादा होगी तो क़ुरबानी होगी ही नहीं बकरे के अंदर इतनी सलाहियत होनी चाहिए की वो खुद चल कर बगैर किसी के सहारे के क़ुरबानी खाने तक चला जाये तभी उसकी क़ुरबानी जायज़ होगी।

आंखे शेहत मंद होनी चाहिए

क़ुरबानी के बकरे की आंखे भी सेहत मंद होने चाहिए अंधे बकरे की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं अगर बकरे की आँखों से दिखाई नहीं देता तो आप उस बकरे की क़ुरबानी नहीं कर सकते लिहाज़ा क़ुरबानी का जवार खरीदते वक़्त उसकी आँखों की जाँच भी अवश्य करें।

बहोत ज़्यादा दुबला पतला नहीं होना चाहिए

अगर क़ुरबानी का बकरा बहोत ज़्यादा दुबला पतला हैं इतना दुबला की उसकी हड्डिया ज़ाहिर हों रही हों उसके अंदर गुदा ही न हों तो इस किस्मे के बकरे की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं हाँ अगर थोड़ा बहुत दुबला पतला होगा तो चल जायेगा लेकिन अगर बहोत ज़्यादा दुबला पतला होगा तो इस कंडीशन में क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

सींग जड़ से उखड़ी हुई नहीं होना चाहिए

जिस बकरे की सींग न हो य बीच से टूट गई हो तो उसकी क़ुरबानी तो ज़याज़ हैं लेकिन अगर किसी वजह से जड़ से सींग उखड गई तो इस कंडीशन में बकरे की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

दुम और कान होने चाहिए सही सलामत

अगर बकरे के दुम और कान के ज़्यादा तर हिस्से सही सलामत नहीं हैं यानि कटे हुए हैं तो इस कंडीशन में क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं लेकिन अगर कुछ हिसे कटे हैं और ज़्यादा तर हिस्से सही सलामत हैं तो इस कंडीशन में बकरे की क़ुरबानी जायज़ हैं।

दांत भी होने चाहिए सही सलामत

अगर बकरे के ज़्यादा तर दांत टूट गए हैं और इस वजह से वह चारा भी नहीं खा पर रहा हैं तो इस कंडीशन में क़ुरबानी जायज़ नहीं हैंन। और अगर ज़्यादा तर दांत सही सलामत हैं और बकरा चारा खा ले रहा हैं तो इस कंडशन में बकरे की क़ुरबानी किया जा सकता हैं।

कुल मिलाकर क़ुरबानी का बकरा पूरी तरह से शेहत मंद होना चाहिए उसके अंदर किसी भी किस्म का कोई ऐब नहीं होना चाहिए क्योंकि क़ुरबानी हम अल्लाह के लिए कराते हैं लिहाज़ा अल्ल्हा की राह में जो क़ुर्बान करें वो सही होना चाहिए उसके अंदर किसी भी तरह का कोई ऐब नहीं होना चाहिए।

उम्मीद है आप समझ गए होंगे की क़ुरबानी का बकरा कैसा होना चाहिए अगर अब भी आपका कोई सवाल हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब लाज़मी देंगे। और इसी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए आप हमारा whatsapp ग्रुप भी ज्वाइन कर सकते हैं।

faq:


  1. QS कुर्बानी के लिए बकरे की उम्र कितनी होनी चाहिए?

    ANS क़ुरबानी के लिए बकरे की उम्र कम से कम एक साल होनी चाहिए



  2. QS कुर्बानी के लिए बकरा कितने महीने का होना चाहिए?

    ANSकम से कम 12 महीने का




  3. QS खस्सी जानवर की क़ुरबानी जाएज़ है या नहीं ?

    ANS खस्सी हो या मजनून दोनों की क़ुरबानी जाएज़ है

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About Md Ajmal

Md Ajmal isliba.com ke founder and ceo hain. inhe ilm deen hasil karna aur use dusro ke sath share karne me bahot dilchaspi hain. Aur bunyadi ilm deen hasil karna har Musalman par farz bhi hai. lihaza ye is kaam ko bahot dilchaspi aur jimmedari ke sath kar rahe hain.

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