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क़ुरबानी के जानवर की उम्र कितनी साल होनी चाहिए /qurbani ke janwar ki umar kitni honi chahiye

क़ुरबानी के जानवर की उम्र कितनी साल होनी चाहिए /qurbani ke janwar ki umar kitni honi chahiye

किन जानवर की क़ुरबानी करवाना चाहिए और क़ुरबानी के लिए किस जानवर की क्या उम्र होनी चाहिए ये सब पहले ही बता दिया गया हैं। ` लेकिन इल्म न होने की वजह से कई बार कुछ मुसलमान गलती कर बैठते हैं और कम उम्र के जानवर की क़ुरबानी करा देते हैं।

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और इस वजह से जानवर खरीदने में उनका पैसा तो खर्च हो जाता हैं लेकिन क़ुरबानी करवाने का कोई फायदा हासिल नहीं होता इसीलिए आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ की क़ुरबानी के जानवर की उम्र कितनी होनी चाहिए। ताकि क़ुरबानी का जानवर खरीदते वक़्त आपसे कोई गलती न हों आप सही उम्र के जानवर खरीद पाए।

किन जानवरों की क़ुरबानी जायज़ हैं ?

जितने भी जानवर पे क़ुरबानी वाजिब हैं उनकी उम्र अलग अलग हैं आइये पहले जानते हैं की किन जानवरों पर क़ुरबानी वाजिब हैं उसके बाद जानेंगे की क़ुरबानी के लिए जानवर की उम्र कितनी होनी चाहिए भैंस भैंसा गाय , दुम्बा , बकरा , बकरी , ऊठ ऊठनी , भेड़ , बैल आदि जानवरों की क़ुरबानी जायज़ हैं।

क़ुरबानी के जानवर की उम्र कितनी होनी चाहिए ?

qurbani ke janwar ki umar kitni honi chahiye: क़ुरबानी के जानवर की उम्र एक साल से लेकर 5 साल तक की होनी चाहिए जिसमें छोटे जानवर की उम्र एक साल से ज़्यादा होनी चाहिए और बड़े जानवर की उम्र दो साल और पांच साल से ज़्यादा होनी चाहिए आइये तफ्सील से जानते हैं क़ुरबानी के लिए किस जानवर की कितनी उम्र होनी चाहिए।

बकरा बकरी की उम्र : क़ुरबानी के लिए बकरा बकरी की उम्र कम से कम एक साल होनी चाहिए। एक साल से कम उम्र के बकरे की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं। लिहाज़ा जब आप क़ुरबानी के लिए बकरा या बकरी खरीदने लगे तो ये लाज़मी चेक करें की उसकी उम्र एक साल से ज़्यादा है या नहीं। क्योंकि एक साल से कम उम्र के बकरा या बकरी की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

भैंस भैसा गाय : भैस भैसा या गाय की उम्र कम से कम 2 साल होनी चाहिए 2 साल से कम उम्र के भैस भैसा गाय की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं लिहाज़ा जानवर लेते वक़्त उनकी उम्र लाज़मी पता करें वरना आपकी क़ुरबानी ज़ाया हो सकती है।

ऊठ ऊठनी : क़ुरबानी के लिए ऊठ ,ऊठनी की उम्र कम से कम 5 साल की होनी चाहिए पांच साल से कम उम्र के ऊठ की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

दुम्बा की उम्र : क़ुरबानी के लिए बकरे की तरह दुम्बे की उम्र भी एक साल होनी चाहिए लेकिन अगर दुम्बा महज़ 6 महीने का हैं लेकिन देखने में इतना मोटा ताज़ा की एक साल से ज़्यादा का दिखाई देता हैं तो इस कंडीशन में 6 महीने के दुम्बे की भी क़ुरबानी जायज़ हैं लेकिन 6 महीने से कम का नहीं होना चाहिए और दुम्बा देखने में मोटा तगड़ा होना चाहिए।

क़ुरबानी के जानवर में ये ऐब नहीं होने चाहिए

लंगड़ा पन : क़ुरबानी के जानवर में इतना लंगड़ा पन नहीं होना चाहिए की उसके देख के ज़ाहिर हों की ये जानवर लंगड़ा हैं। जानवर के अंदर इतनी सलाहियत होनी चाहिए की वो चल कर क़ुरबानी की जगह तक जा सके।

बीमारी : क़ुरबानी के जानवर में ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए जिससे ज़ाहिर हो की जानवर बीमार है। क्योंकि बीमार जानवर की क़ुरबानी दुर्सुत नहीं हैं।

कानापन : क़ुरबानी के जानवर में कानापन नहीं होना चाहिए क़ुरबानी के जानवर की ऑंखें सही सलमत होनी चाहिए। क़ुरबानी के जानवर को चारा दिखाया जाएँ और वह न देख पाए तो इस उसकी क़ुरबानी दुरुस्त नहीं हैं।

बहोत अधिक दुबला पतला : क़ुरबानी का जानवर बहोत अधिक दुबला पतला भी नहीं होना चाहिए। बहोत अधिक दुबले पतले जानवर की क़ुरबानी जायज़ नहीं इतना दुबला पतला की हड्डियों में गुदा ही न हों और हड्डिया साफ ज़ाहिर हों रही हों। हाँ अगर दुबला पतला हैं लेकिन बहोत ज़्यादा दुबला पतला नहीं हैं तो ऐसे जानवर की क़ुरबानी किया जा सकता हैं लेकिन अगर बहोत ज़्यादा दुबला पतला हैं तो ऐसे जानवर की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

सींग जड़ उखड़ी हों : यदि जानवर की सींग जड़ से उखड़ गई हैं तो ऐसे जानवर की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं। हाँ अगर किसी जानवर की पैदाइसी सींग ही न हों या बीच से टूट गई हों जड़ से न उखड़ी हों तो ऐसे जानवर की क़ुरबानी जायज़ हैं।

दाँत टूटे हों : यदि जानवर के दांत टूटे हैं और इतने टूटे हैं की वो चारा भी नहीं खा पा रहा हैं। तो इस कंडीशन में जानवर की क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं। और अगर जानवर के कुछ ही दांत टूटे हुए हैं और वो चारा खा लें रहा हैं तो ऐसे जानवर की क़ुरबानी जायज़ हैं।

दुम या कान कटे हों : यदि जानवर के दुम और कान कटे हैं तो क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं। हाँ अगर दुम और कान के थोड़ा बहोत हिस्से कटे हैं बाकि सही सलामत हैं तो क़ुरबानी जायज़ हैं लेकिन अगर ज़्यादा तर हिस्से कटे हुए हैं तो इस कंडीशन में क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं।

खस्सी जानवर की भी क़ुरबानी जायज़ नहीं हैं जिनका अंडकोस नस्ट करके उन्हें (बधिया) नपुंसक बना दिया जाता है।

उम्मीद हैं आप समझ गए होंगे की करबानी के जानवर की उम्र कितनी होनी चाहिए और इससे मुतालिक तमाम जानकरी जो इस पोस्ट के जरिये से बताया गया आपको पसंद आई होगी? अगर इससे मुतालिक आपका कोई सवाल हैं। तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं और इसी तरह की मज़ीद जानकारी के लिए और इस्लामिक शॉपिंग इस्लामिक प्रोडक्ट की अपडेट के लिए आप हमारा whatsapp ग्रुप या चैनल ज्वाइन कर सकते हैं।

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