Dua

मस्जिद के अंदर दाखिल होने और बाहर निकलने की दुआ तर्जुमा के साथ

masjid ke andar dakhil hone aur bahar nikalne ki dua tarjuma ke sath (1)

masjid ke andar dakhil hone aur bahar nikalne ki dua tarjuma ke sath: दोस्तों हमें मस्जिद के अंदर सही तरीके से अदब के साथ दुआ पढ़ते हुए मस्जिद के अंदर दाखिल होना चाहिए। और जब मस्जिद से बहार निकलने लगे तब भी दुआ पढ़ कर अदब के साथ मस्जिद से बहार निकलना चाहिए। आइये जानते हैं मस्ज्दि में दाखिल होने और बहार निकलने की दुआ क्या है और मस्जिद में दाखिल होने और बहार निकलने का सही तरीका क्या है ?

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मस्जिद के अंदर दाखिल होने की दुआ तर्जुमा के साथ

masjid ke andar dakhil hone ki dua : मस्जिद के अंदर दाखिल होते वक़्त हमें ये दुआ पढ़नी चाहिए ” अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिकातर्जुमा: ” ऐ अल्लाह; तू मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।”

मस्जिद के अंदर दाखिल होने की यही दुआ है जब भी मस्जिद के अंदर दाखिल होने लगे तो ये दुआ लाज़मी पढ़ें याद रहे जब मस्जिद के अंदर दाखिल हों तो पहले राइट पैर मस्जिद के अंदर दाखिल करे उसके बाद ये दुआ पढ़ते हुए मस्जिद के अदंर दाखिल हों जाएँ।

मस्जिद के अंदर दाखिल होने की दुआ अरबिक “اَللّٰہُمَّ افْتَحْ لِیْ اَبْوَابَ رَحْمَتِکَ” तर्जुमा उर्दू : “اے اللہ ! میرے لئے اپنی رحمت کے دروازے کھول دیجئ

मस्जिद के अंदर जाते वक़्त इन बातों का ख्याल रखें

जब भी मस्जिद के अंदर जाएँ चाहे नमाज़ के लिए जाएँ या मस्जिद में किसी काम से जाएँ मस्जिद के अंदर दाखिल होते वक़्त दुआ लाज़मी पढ़े और दुआ ज़्यादा तेज़ आवाज़ में न पढ़े आहिस्ता आवाज़ से पढ़े इतनी रहनी चाहिए की आपको सुनाई दें बस।

जब मस्जिद के अंदर जाएँ तो ये ध्यान दें की आप पाक साफ हों नापाकी के हालत में मस्जिद में दाखिल नहीं होना चाहिए।

जूता चप्पल मस्जिद के बहार ही उतारें मस्जिद के अंदर जूता चप्पल या गंदे पैर जाने से बचें।

मस्जिद के अंदर दाखिल होते वक़्त हमेशा पहले दाहिना पैर मस्जिद में दाखिल करे।

मस्जिद के अंदर जाने के बाद फ़ुज़ूल दुनयावी बातें न करे मस्जिद में सिर्फ और सिर्फ इबादत करे बे वजह सोर गुल न करें।

प्याज़ मूली या कोई भी बू वाली चीज़े खा कर मस्जिद में न जाएँ इससे दूसरे नमाज़ियों को डिस्टर्ब होता हैं।

मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ तर्जुमा के साथ

masjid se bahar nikalne ki dua tarjuma ke sath: ” अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुका मिन फज़लिका।” तर्जुमा: ” ऐ अल्लाह: मैं आप से फ़ज़ल और बरकत मांगता हूँ ” जब मस्जिद से बहार निकलने लगें तो सबसे पहले बायां पैर बहार निकालें और आहिस्ता आवाज़ से मस्जिद से बहार निकलते वक़्त ये दुआ पढ़े “अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुका मिन फज़लिका।” मस्जिद से बाहर निकलने की यही दुआ है इसे अपने ज़हन में खूब अच्छे से बैठा लें और जब मस्जिद से बाहर निकलने लगे तो ये दुआ लाज़मी पढ़ें।

मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ अरबिक: “اَللّٰھُمَّ اِنِّیْ اَسْئَلُکَ مِنْ فَضْلِکَ” तर्जुमा उर्दू: “اے اللہ ! میں آپ کا فضل مانگتا ہوں”

ध्यान दने वाली बातें :

मस्जिद से बहार निकलते वक़्त सबसे पहले हमेशा दायां पैर बहार निकालें उसके बाद मस्जिद से बहार निकलने की दुआ पढ़ें

दुआ हमेशा धीरी आवाज़ में पढ़े ज़्यादा तेज़ आवाज़ में दुआ न पढ़ें।

मस्जिद से भागते हुए बहार न निकलने बल्कि आराम से इत्मीनान के साथ अदब से मस्जिद से बहार निकलें।


मस्जिद में प्रवेश करते समय क्या कहना है?

अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका



मस्जिद से निकलते समय क्या कहना चाहिए?

अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुका मिन फज़लिका

उम्मीद हैं ये जानकरी आपको पसंद आई होगी और आप अब समझ गए होंगे की मस्जिद में दाखिल होने और बहार निकलने की दुआ क्या है। और मस्जिद में दाखिल होने और बहार निकलने का सही तरीका क्या हैं। अगर अब भी आपका कोई सवाल हैं तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं और इसी तरह की मज़ीद जानकरी के लिए आप हमारा whatsapp group या चैनल दोनों में से कोई एक ज्वाइन कर सकते हैं।

और अगर आप कोई इस्लामिक प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं तो होम पेज पर जा सकते हैं या फिर हमें इस नंबर पर 7800876430 पर मैसजे कर सकते हैं।

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