Kya qurbani aur aqeeqa ek sath kar sakte hain: जी हां आप क़ुरबानी के साथ अपने बच्चों का या अपना अक़ीक़ा भी करा सकते हैं अगर आप एक ही जानवर में अक़ीक़ा और क़ुर्बानी दोनों करवाना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले आपको एक बड़ा जानवर लेना होगा जिसमे 7 हिस्से होते हैं। आइये इस बारे में तफ्सील से जानते हैं।
क्या कुर्बानी और अकीका एक साथ की जा सकती है?
जी हां दोस्तों आप क़ुरबानी के साथ अपने बच्चों का या अपना अक़ीक़ा भी करा सकते हैं बस आपको ध्यान ये देना की आप छोटे जानवर में क़ुरबानी और अक़ीक़ा एक साथ नहीं करा सकते हैं जिसमे एक ही हिस्सा होता।
आप बड़े जानवर जिसमे 7 हिस्सा होता हैं उसमे क़ुरबानी के साथ साथ अकीके के नियत से भी जानवर ज़बा करवा सकते हैं।
दोस्तों जैसा की आप जानते ही होंगे की अकीके में लड़के के लिए दो जानवर का होना जरुरी है और अगर जानवर बड़ा हैं जिसमे क़ुरबानी के 7 हिस्से होते हैं तो उसमे से दो हिस्सा अकीके लिए लेना होगा।
और लड़की के अकीके के लिए सिर्फ एक जानवर ही काफी हैं और अगर जानवर बड़ा है तो अकीके के लिए एक हिस्सा लिया जा सकता हैं।
क़ुर्बानी और अक़ीक़ा एक साथ कैसे करवाएं ?
अगर आप एक ही जानवर में अक़ीक़ा और क़ुर्बानी दोनों करवाना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले आपको एक बड़ा जानवर लेना होगा जिसमे 7 हिस्से होते हैं।
आप चाहे तो पूरा एक जानवर भी खरीद सकते हैं या फिर आप चाहे तो किसी बड़े जानवर में एक हिस्सा क़ुरबानी के नियत से और लड़के के लिए दो हिस्सा अकीके की नियत से और लड़की के लिए एक हिस्सा अकीके नियत से ले सकते हैं।
और अगर आप एक बड़ा जानवर खरीदने की हैसियत रखते हैं तो आप एक बड़ा जानवर भी खरीद सकते हैं और उसमें अक़ीक़ा और क़ुरबानी दोनों कर सकते हैं।
मान लीजिये आपको 4 लोगो के नाम से क़ुरबानी करवाना है तो चार हिस्सा क़ुरबानी के लिए कर लीजिये और दो हिस्सा लड़के के लिए अक़ीक़ा का कर लीजिये और एक हिस्सा लड़की का अक़ीक़ा के लिए कर लीजिये और आराम से बे फ़िक्र हो कर सवाब की नियत से क़ुरबानी और अक़ीक़ा दोनों के लिए जानवर ज़बा करवाइए ।
जरुई नहीं हैं की लड़के के अकीके के लिए आप सिर्फ दो ही हिस्सा लें आप दो से ज़्यादा भी ले सकते हैं लेकिन हा दो से कम नहीं ले सकते इसी तरह से लड़की के अकीके के लिए भी आप एक से ज़्यादा हिस्सा लें सकते हैं या एक से ज़्यादा छोटा जानवर जिबा कर सकते हैं। और अगर आप अच्छे खासे मालदार है तो आप एक, दो, तीन जितना चाहे छोटा बड़ा जानवर ज़बा कर सकते हैं अकीके के तौर पर।
क्या कुर्बानी के लिए अक़ीक़ा अनिवार्य है?
बहोत से लोग समझते हैं की अक़ीक़ा करना जरुरी है बगैर अकीके की क़ुरबानी नहीं हो सकती हैं। आपकी जानकरी के लिए बता दू की अक़ीक़ा करना सुन्नत है और क़ुरबानी के लिए अक़ीक़ा होना जरुरी नहीं हैं अगर आपके नाम से अक़ीक़ा नहीं हुआ तो भी आप क़ुर्बानी करवा सकते हैं आपकी क़ुरबानी जरुरी क़ुबूल होगी।
आपके नाम से अक़ीक़ा हुआ है या नहीं इससे क़ुर्बानी पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
गोश्त का क्या करें ?
अक़ीक़ा और क़ुर्बानी का गोश्त पर पूरा हक़ आपका है आप चाहे तो पूरा गोश्त अपने पास रख लें या आप चाहे तो पूरा गोश्त बाँट दें या कुछ गोश्त रख लें और कुछ बाँट दें कहने का मतलब ये की अक़ीक़ा और क़ुरबानी के गोश्त का पूरी तरह से आप ही मालिक है।
आप इसे जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते लेकिन मुश्ताहाब ये है की आप क़ुरबानी के गोश्त का तीन हिस्सा करें एक अपने लिए एक गरीबों के लिए और एक रिश्तेदारों के लिए लेकिन अगर आप खुद भी पूरा रख लेते हैं या पूरा बाँट देते हैं तो भी कोई दिक्कत नहीं हैं।
और बात जहा तक अकीके की गोश्त की तो आप चाहे तो इसे भी बाँट दे या फिर अपने पास रख लें या फिर इस गोश्त का कुछ बनवा लें और गरीबों में तकसीम कर दें और घर में दावत रख दें ऐसा करने से अक़ीक़ा भी धूम धाम से हो जायेगा और जो आप गरबों को खिलाएंगे उसका सवाब भी आपको मिल जायेगा ।