क़ुरबानी एक अज़ीम इबादत हैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहिवसल्ल्म फरमाते हैं की क़ुरबानी के दिनों में अल्लाह को सबसे ज़्यादा क़ुरबानी का अमल पसंद आता हैं यानि कहने का मतलब क़ुरबानी के दिनों में अल्लाह को सबसे ज़्यादा क़ुरबानी का अमल पसंद आता हैं इसके अलावा और कोई अमल पसंद नहीं आता।
लेकिन बहोत से लोगो को मालूम ही नहीं होता की हम पर क़ुरबानी वाजिब हैं या नहीं। और जानकरी न होने के वजह से कई लोग क़ुरबानी वाजिब होने के बाद भी क़ुरबानी नहीं करवाते क्योंकि उन्हें मालूम ही नहीं होता की उनके ऊपर क़ुरबानी वाजिब हैं या नहीं और इस वजह से एक बड़ा गुनाह अपने ऊपर ले लेते हैं। इसलिए आज मै आपको बता रहा हूँ की क़ुरबानी किस पर वाजिब हैं।
क़ुरबानी किस पर वाजिब हैं।
Qurbani kis par wajib hai: क़ुरबानी मर्द और औरत दोनों पर वाजिब हैं लेकिन किसी मर्द या औरत पर क़ुरबानी वाजिब होने के लिए 5 शर्ते हैं।
- बालिग होना : किसी भी नाबालिग पर क़ुरबानी वाजिब नहीं हैं क़ुरबानी वाजिब होने के लिए बालिग होना शर्त हैं।
2. अक्ल मंद होना : किसी भी पागल पर क़ुरबानी वाजिब नहीं हैं क़ुरबानी सिर्फ समझदार अक़्ल मंद जिसको अच्छे भले की तमीज़ हो उसपर ही वाजिब हैं।
3. मुसलमान होना: क़ुरबानी सिर्फ मुस्लिमों पर वाजिब किसी भी गैर मुस्लिम पर क़ुरबानी वाजिब नहीं हैं।
4.साहिबे निशाब होना : क़ुरबानी वाजिब होने के लिए किसी भी मर्द या औरत का साहिबे निसाब होना भी शर्त हैं
कोई भी मर्द या औरत साहिबे निसाब कब होते हैं।
कोई भी मर्द या औरत साहिबे निसाब जब होते हैं जब उनके पास साढ़े बावन तोला चांदी हो या वो इसकी क़ीमत के मालिक हों यानि कहने का मतलब जो शख्स साढ़े बावन तोला चांदी या इसकी क़ीमत का मालिक हैं वो साहिबे निसाब हैं।
कैसे चेक करें की आप साहिबे निसाब है ?
स्टेप 1. अगर आपके पास साढ़े बावन तोला या उससे ज़्यादा चांदी है और अगर आपके ऊपर कोई क़र्ज़ है तो चेक करें की अगर आप क़र्ज़ अदा कर देंगे तो साढ़े बावन तोला चांदी आपके पास होगी या नहीं यानि क़र्ज़ अदा करने के लिए आपको चांदी तो नहीं बेचना पड़ेगा और बेचना पड़ेगा तो वो साढ़े बावन तोला से कम तो नहीं होगा अगर साढ़े बावन तोला से कम नहीं होगा तो आप साहिबे निसाब हैं। आपके ऊपर क़ुरबानी वाजिब हैं।
स्टेप 2. अगर आपके पास साढ़े बावन तोला चांदी नही हैं तो ये चेक करने के लिए की आप साढ़े बावन तोला चांदी के मालिक हैं या नहीं इसके लिए आपको अपने पास मौजूद चार चीज़ों को जोड़ना होगा। और इन चार चीज़ों को मिलाकर या तीन चीज़ों को मिलाकर या दो चीज़ों को मिलकर या किसी एक चीज़ को जोड़ने के बाद और जो क़र्ज़ है उसे माइनेस करने के बाद अगर आप साढ़े बावन तोला चांदी के मालिक हों जाते हैं तो आप साहिबे निसाब हैं।
1. रूपया: जो भी आपके पास रूपए हैं फिर चाहे वो बैंक में हो या कैश हों
2. बिसनेस के सामान और मटेरियल
3. ज़रूरत से ज़्यादा चीज़े।
4. सोना चांदी जो आपके पास हैं उसकी कीमत।
इन 4 चीज़ों को जोड़े और और देखे की आप कितने रुपये के मालिक होते अगर आपके पास इनमे से कोई चीज़ नहीं हैं।
तो जो चीज़े आपके पास है उन्हें जोड़े अगर सिर्फ सोना चांदी है और पैसा है तो उसे जोड़े और सिर्फ पैसा है कोई बिज़नेस नहीं हैं तो सिर्फ पैसा जोड़े की कितना पैसा आपके पास है यानि कहने का मतलब आपके पास इन चारो में से जो चीज़ हैं उन्हें जोड़े अगर दो है तो दो तीन है तो तीन और चारो है तो चारो।
और फिर जो क़र्ज़ आपके ऊपर है उसे इससे माइन्स कर दें साथ ही जो आप महीने में बिजली की बिल और राशन में पैसा खर्च करते हैं उसे भी माईनेस कर दें और फिर चेक करें की आप साढ़े बावन तोला चांदी की क़ीमत का मालिक होते हैं या नहीं। अगर आप साढ़े बावन तोला चांदी की क़ीमत का मालिक होते हैं तो आपके ऊपर क़ुरबानी वाजिब हैं और अगर नहीं होते तो क़ुरबानी वाजिब नहीं हैं।
ज़रूरत से ज़्यादा चीज़ों का क्या मतलब हैं ?
अगर आपके पास एक से ज़्यादा घर है और वो खाली पड़ा है या आपने उसे भाड़े पे दे रखा है तो ये ज़रूरत से ज़्यादा इसे साहिबे निसाब के लिए जोड़ा जायेगा।
इसी तरह से अगर आपके पास एक से ज़्यादा गाड़ी है और आप सिर्फ एक ही गाड़ी चलाते हैं या आपका एक ही गाड़ी से काम चल जाता है दूसरी गाड़ी आपने अपने शौक के लिए लिया है तो इसे भी साहिबे निसाब में जोड़ा जायेगा।
इसी तरह से अगर आपके पास ज़रूरत से ज़्यादा कपड़े है जो पुरे एक साल इस्तेमाल न हुए हों ज़रूरत से ज़्यादा बर्तन हों जो एक साल से इस्तेमाल न हुए हों ये सब साहिबे निसाब में जोड़ा जायेगा। इसके अलावा और भी जितनी चीज़े आपके पास ज़रूरत से ज़्यादा हैं जिनका आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या सिर्फ और सिर्फ शौक के लिए कर रहे हैं वो आपकी बुनयादी ज़रूरत नहीं तो वो साहिबे निसाब में जोड़ा जायेगा।
क्या पति और पत्नी एक साथ कुर्बानी कर सकते हैं?
जी हाँ पति और पत्नी एक साथ क़ुरबानी कर सकते हैं अगर पत्नी भी साहिबे निसाब है तो वो भी अपने पैसे से पति के साथ किसी बड़े जानवर में क़ुरबानी कर सकती हैं जिसमें साथ हिस्से होते हैं जैसे गाय , बैँश पड़वा आदि।
लेकिन छोटे जानवर जैसे दुम्बा बकरा आदि में एक साथ क़ुरबानी नहीं कर सकते क्योंकि इसमें सिर्फ एक ही हिस्से होते हैं। अगर मिया बीवी दोनों बकरे पर क़ुरबानी करवाना चाहते हैं तो इसके लिए दो बकरा लाना होगा क़ुर्बनि के लिए, और अगर बड़े जानवर जैसे गाय ,ऊठ ,भैस पर क़ुरबानी करवाना चाहते हैं तो एक ही जानवर काफी हैं क्योंकि इसमें 7 हिस्से होते हैं।