कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ने का आसान तरीका/kabristan par fatiha padhne ka tarika

अस्सलाम अलैकुम दोस्तों आइये आसान भाषा में जानते हैं की कैसे आप कब्रिश्तान पर जाके मरहूम के लिए मग्फेरत के लिए दुआ पढ़ सकते हैं यानि आप कैसे आसानी के साथ कब्रिश्तान पर फातिहा पढ़ सकते हैं
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कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ने का आसान तरीका
kabristan par fatiha padhne ka tarika: कब्रिश्तान पर फातिहा पढना बहोत ही आसान हैं आप आसानी के साथ कब्रिश्तान पर फातिहा पढ़ सकते हैं फातिहा पढने के लिए सब से पहले कब्रिश्तान के दाएँ या बाएं खड़े हो जाएँ और 3 से 7 बार दरूद शरीफ पढ़े उसके बाद कोई भी एक सुरे पढ़े जो आपको याद हो .
- कोई भी एक सुरह पढने के बाद एक बार कुल या अय्योहल कफेरून पढ़े
- इसके बाद तीन बार कुल हुव्वल लाहू अहद पढ़े
- अब इसके बाद एक बार कुल आउजु बी रब्बिल फलक पढ़े
- इसेक बाद एक बार कुल आउजु बिरब्बीन नास पढ़े
- इसके बाद एक बार अलहम्दु पढ़े
- अल्ह्मदु के बाद एक बार अलिफ़ लाम मीम से मुफ़लेहून तक पढ़े
- इतना सब कुछ पढने के बाद आखिर में एक बार आयते खामशा पढ़े
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आयते खामशा
व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद, लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम । इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन । वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन । मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा । इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा
एक बार दरूद शरीफ पढ़े उसके बाद निचे जो लिखा हैं उसको पढ़ते हुए फातिहा के लिए हाथ उठाये
सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज्जति अम्मा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलीन वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
अब अल्फतिहा कहते हुए हाथ उठाये और कहे या अल्लाह मैंने जो कुछ पढ़ा चंद शुरते पढ़ी आयते पढ़ी.
Note: अगर आपने पहले से कुछ पारा या शुरात पढ़ी है और उसको भी मरहूम के नाम से बखसना चाहते हैं तो उसका भी नाम लें मान लीजिये आपने 10 पारा पढ़ा हुआ हैं और इसे मरहूम के नाम से बखसना चाहते हैं तो
यू कहे या अल्लाह 10 पारा पढ़ा गया इसके पढने में कही कोई गलती हो गई हो तो इसे अपने रहमो वा करम से मुआफ फरमा दें और इन सब चीज़ों को सवाब सब से पहले हमारे आका हज़रत मुहम्मद मुश्तफा स. अ. को नजर करता हूँ कबूल फरमा.
आपके सदके तुफैल से तमाम अम्बियाए कराम सहाबा ए अजाम उम्म्हातुल मुस्लेमीन तमाम औलिया उलमा सोह्दा सोहालेहीन और आदम अलैहिस्सलाम से ले कर अब तक जितने भी औलिया उलमा सोह्दा इस दुनिया में तशरीफ़ लाये हैं सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा सोह्दाये कर्बोबाला में जो 72 लोग शहीद हुए उन सब को नजर करता हूँ कबूल फरमा.
इतना कहने के बाद आप जिनकी क़ब्रिश्तान पर फातिहा पढने के लिए गए हैं उनका नाम लेंगे कुछ इस तरह से: या अल्लाह मैंने जो कुछ भी पढ़ा उन सब का सवाब बिल्खुसुस मरहूम हमारे नाना सिराजुल को नजर करता हूँ कबूल फरमा
Note यहाँ मैंने अपने नाना सिराजुल का नाम लिया हैं आप जिनकी क़ब्रिश्तान पर फातिहा पढने के लिए जायेंगे उनका नाम लेंगे यहाँ अपने गौर किया होगा मैंने अपने नाना के नाम के आगे बिल्खुसुस लगाया हैं याद रहे जिनके नाम से फातिहा किया जाता हैं उनके नाम के आगे बिल्खुसुस लगाया जाता हैं यहाँ मैंने अपने नाना के नाम से फातिहा करके बताया हैं इसीलिए मैंने अपने नाना के नाम के पहले बिल्खुसुस लगाया. आप जिनके कब्रिस्तान पर फातिहा के लिए जायेंगे उनका नाम लेंगे.
उम्मीद हैं की आप समझ गए होंगे की कब्रिस्तान पर फातिहा कैसे पढ़ा जाता हैं अगर आपका कोई सवाल है आप कुछ पूछना चाहते हैं फातिहा के हवाले से तो कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं आपके सवाल का जवाब जरुर शुक्रिया
कब्रिस्तान में जाकर क्या पढ़ना चाहिए?
कब्रिस्तान पर जाकर ऊपर बताइए गए तरीके के अनुसार फातिहा पढना चाहिए और मरहूम के लिए मगफिरत की दुआ करनी चाहिए
कब्र पर क्या पढ़ा जाता है?
कब्र पर जाकर फातिहा पढना चाहिए मरहूम के नाम से